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शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुनकर भावविभोर हो गए श्रद्धालु

श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के श्रीमुख से कथा सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 12:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 12:00 AM (IST)
शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुनकर भावविभोर हो गए श्रद्धालु
शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुनकर भावविभोर हो गए श्रद्धालु

अमेठी : मंगलवार को शहर के श्री रणजंय इंटर कालेज के मैदान में सुर-लय के साथ दिव्य श्रीराम कथा का गान हुआ। श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के श्रीमुख से शिव विवाह की कथा सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।

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कथा व्यास ने शिव सती संवाद के साथ ही पार्वती के जन्म की कथा का भी विस्तार से वर्णन किया। कथा में श्रद्धालुओं का जबरदस्त हुजूम जुटा। तीसरे दिन भगवान राम के जन्मोत्सव की कथा होगी। श्री राम कथा में आयोजक डॉ. अनिल त्रिपाठी, प्रकाश मिश्र के साथ ही यजमान कृष्ण कुमार त्रिपाठी, पं.जगदंबा प्रसाद त्रिपाठी मनीषी व सरला त्रिपाठी तथा राम बहोर मिश्र सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

कथा श्रवण मात्र से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट :

जगदीशपुर विकास क्षेत्र उतेलवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों को रसपान कराते हुए कामख्या धाम अयोध्या कथा वाचिका शशि शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से ही पापों से मुक्ति मिलती है।

श्रीमद्भागवत कथा एक ऐसा अमृत है, इसके कितने भी पान करें आत्मा तृप्त नहीं होती। भक्ति के दो पुत्र हैं, पहले ज्ञान व दूसरे वैराग्य। कहा कि भागवत कथा सुनते ही ज्ञान व वैराग्य जागृत हो जाता है। कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद ने मा के गर्भ में ही भक्ति के संस्कार ग्रहण कर लिए थे। प्रहलाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने कई प्रयत्न किए लेकिन वह हर बार बच गए।

हाथी-घोड़ा और बैंड-बाजे के साथ निकाली कलशयात्रा :

बहादुरपुर विकास क्षेत्र के दाउद नगर स्थित बाबा नारेदेव धाम पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। ग्रामीणों के सहयोग से कथा केपूर्व गाजे-बाजे के साथ कलशयात्रा निकाली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

मंगलवार की सुबह कलशयात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें बैंड-बाजे के साथ हाथी-घोड़े भी शामिल थे। बड़ी संख्या में महिलाओं ने सिर पर कलश उठा रखा था, जो कि भक्ति गीत पर आगे बढ़ रही थीं। कलशयात्रा विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए कथा स्थल पर पहुंची। जगह-जगह फूल-माला से कलशयात्रा का स्वागत किया गया। कथा व्यास वेद प्रकाश दीक्षित खेखरूआ श्रीमद्भागवत का वर्णन करेंगे।


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