..नहीं रहे पाक सेना को धूल चटाने वाले वीर अब्दुल अजीज
अमेठी 1965 से 71 तक पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे कर अपना एक पैर गंवाने वाले रक्षा मेडल
अमेठी : 1965 से 71 तक पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे कर अपना एक पैर गंवाने वाले रक्षा मेडल व समर सेवा स्टार से सम्मानित वीर अब्दुल अजीज का 26 जनवरी को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। निधन की जानकारी मिलते ही नगर में शोक की लहर दौड़ गई। सुबह से ही उनके आवास पर शोक प्रकट करने वालों का तांता लगा रहा। सिविल लाइंस तथा कोतवाली पुलिस ने उनके पैतृक कब्रिस्तान में अंतिम सलामी दी।
नगर के मुहल्ला शेखाना खरका वार्ड-16 निवासी अब्दुल अजीज 30 नवंबर 1962 में जब सेना में भर्ती हुए थे। जुलाई- सितंबर, 1965 में ओपन अब्लाजा उत्तरी पश्चिमी सीमा पर, फिर नवंबर 1966 को ओफरिडल व मई 1971 में जम्मू-कश्मीर सरहद पर दुश्मनों का वीरता से मुकाबला उन्होंने किया। इसके बाद दो दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर आक्रमण कर नूरपुर पर कब्जा किया। लेकिन, पाकिस्तानी सैनिकों ने दोबारा बमबारी कर दी, जिसमें उनका एक पैर बम के फटने से उड़ गया। इसके बाद भी वह हिम्मत नहीं हारे। दुश्मनों पर कार्बन स्टेनगन से हमला कर पाकिस्तान सेना के मेजर सहित तमाम सैनिकों को मार गिराया। बाद में 13 सितंबर 1972 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर सेवानिवृत्त किया गया।
वह रक्षा मेडल, समर सेवा स्टार के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने प्रशंसा पत्र, वीर चक्र आदि सम्मान से नवाजा गया। आवास के लिए पांच हजार की नकदी व पांच बीघा जमीन दिया गया। पैतृक कब्रिस्तान जवाहरगंज में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पालिकाध्यक्ष महेश प्रताप सोनकर, पूर्व पालिका अध्यक्ष राम नारायण कनौजिया, पूर्व पालिका अध्यक्ष राजेंद्र कुमार चौहान, समाजसेवी प्रदीप सिघल, सभासद विनय पासी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। सभासद रईस अहमद, सरस्वती नंदन आदि वीर अब्दुल अजीज की याद में नगर में प्रतिमा स्थापित कराने की मांग की है।