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न संसाधन न स्टाफ तो कैसे हो इलाज

सिंहपुर (अमेठी) सरकार द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा किया जा

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 11:45 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 11:45 PM (IST)
न संसाधन न स्टाफ तो कैसे हो इलाज
न संसाधन न स्टाफ तो कैसे हो इलाज

सिंहपुर (अमेठी): सरकार द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर यह फिट नहीं बैठता। यहां न संसाधन है और न स्टाफ। ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे होगा?

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चिकित्सकों की कमी और संसाधनों के अभाव से गंभीर मरीजों को भी चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था न होने से सीएचसी महज रेफरल सेंटर बन कर रह गई है। दो लाख 18 हजार 654 आबादी वाले इस क्षेत्र को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2015 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ब्लॉक पीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया था। तब से यहां न पर्याप्त संसाधन हैं और न ही चिकित्सकीय स्टाफ। स्वास्थ्य केंद्र के आंकड़ों पर गौर करें, तो यहां प्रति दिन ढाई सौ मरीजों की ओपीडी होती है, लेकिन समुचित व्यवस्था न होने से जांच की बात तो दूर दवाइयां भी पूरी नहीं मिल पाती हैं।। सीएचसी में सृजित पदों के सापेक्ष अधिकांश पद रिक्त होने के चलते लोगों को इलाज के लिए दूर दराज व गैर जनपदों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। -नहीं है एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड सीएचसी में एक्स-रे कक्ष जरूर बना है, लेकिन उसमें ताला लटक रहा है। एक्स-रे मशीन न होने से मरीजों को निजी सेंटरों में महंगे दाम पर एक्स-रे कराना पड़ रहा है। इसके अलावा यहां अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था भी नहीं है।

-महिला चिकित्सक की दरकार

विभागीय आंकड़ो को देखें तो यहां प्रतिमाह 200 महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं, लेकिन कोई महिला चिकित्सक न होने से प्रसव की जिम्मेदारी स्टाफ नर्स के सहारे है।

-लोगों की सुनिए

अर्जुन सिंह भदौरिया कहते हैं कि सीएचसी में स्टाफ की कमी से गंभीर रोगियों को समस्या उठानी पड़ रही है। महकमें को इस ओर ध्यान देना चाहिए। राजेश प्रभात वर्मा का कहना है कि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी की बात जरूर करती है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा। कौशलेंद्र सिंह का कहना है कि सीएचसी में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था हो जाए तो स्थानीय लोगों को सहूलियत मिलने के साथ ही जेब खर्च से बच सकेंगे। अनुराग मिश्र बताते हैं कि संसाधनों व स्टाफ की कमी से मरीजों व घायलों को जिला अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ रहा है। -अस्पताल में तैनात स्टाफ

पद सृजित पर रिक्त

चिकित्सक 9- 3 महिला चिकित्सक 2- 2 दंत शल्यक 1- 1 फिजिशियन 4- 4 सर्जन 1- 1 बालरोग विशेषज्ञ 1- 1 स्टा़फ नर्स 3- 1 फार्माशिष्ट 7- 1 वार्ड व्वॉय 6- 2 अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों से बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाता है। सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के लिए उच्चाधिकारी प्रयासरत हैं।

डॉ. सुधीर वर्मा,अधीक्षक

सीएचसी सिंहपुर


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