सात माह बाद बेटों को पाकर छलक उठे मां के आंसू
सिंहपुर (अमेठी) एक मा के लिए मातृ दिवस के मायने ही बदल गए। सात माह पहले गुम हुए उसके दो मास
सिंहपुर (अमेठी): एक मा के लिए मातृ दिवस के मायने ही बदल गए। सात माह पहले गुम हुए उसके दो मासूम बेटे जब मिले तो मां की खुशी का ठिकाना न रहा। स्वयंसेवी संस्था के सदस्य जब दोनों मासूमों को लेकर उनके घर पहुंचे तो खुशी के आसुओं के साथ मा की ममता हिलोरे मारने लगी।
शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के मुरादगंज मजरे सातन पुरवा निवासिनी विधवा मंशादेवी पत्नी रमेश के बेटे अर्जुन और रविबीते वर्ष दो नवंबर को रहस्य मय ढंग से लापता हो गए थे। परिजन पुलिस और पड़ोसी सभी ने खूब तलाश किया, लेकिन कहीं पता न चल सका। समय बीतने के साथ ही मंशादेवी अपने बेटों के मिलने की आस भी धीरे-धीरे छोड़ने लगी थी। सात महीने बाद रविवार का दिन मां के लिए उस वक्त खुशिया लेकर आया, जब लखनऊ के मोहनलालगंज में निराश्रित बच्चों के लिए काम करने वाली निजी संस्था डान बास्को आशालयम की सदस्या शिवानी दोनों भाइयों को लेकर उनके घर पहुंचीं। संस्था ने जब बच्चों को उनकी मा से मिलाया तो मां की आख से खुशी के आसू छलक उठे। बेटों को देख मा की ममता जाग उठी और बेटों को अपने आंचल की छाव में समेट लिया। एनजीओ की सदस्या शिवानी ने बताया कि दोनों भाई बहक कर घर से चले गए थे । इन पर लखनऊ पुलिस की निगाह पड़ी तो संस्था के हवाले किया गया। बच्चे अपना पता ठिकाना नहीं बता पा रहे थे, लेकिन लम्बी काउंसिलिंग के बाद दोनों भाइयों को उनके परिवारीजनों से मिलने में कामयाबी हासिल हुई। उन्होंने बताया कि सभी कानूनी औपचारिकता के बाद दोनों बच्चों को उनकी मां के सिपुर्द कर दिया गया है।