खाप से निकली अफसर बिटिया तैयार कर रही अफसरों की खेप
ट्रेनी एसडीएम रितु देती थी अभ्युदय में निशुल्क कोचिग आवास पर गरीब बचों की भी लगाती हैं क्लास।
जागरण संवाददाता, अमेठी : संघर्ष, बाधाओं और अड़चनों को हराकर अफसर बनी बिटिया अफसरों की खेप तैयार करने में जुटी है। खुद की प्रशिक्षण अवधि से वक्त निकालकर अमेठी जिले में तैनात ट्रेनी एसडीएम रितु चौधरी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं और आस पड़ोस के बच्चों को शिक्षा दे रही हैं।
मुजफ्फरनगर जिले के महाबलीपुर गांव की रहने वाली रितु 2019 बैच की एसडीएम हैं। रितु की सफलता की कहानी प्रेरित करने वाली है। रितु उस क्षेत्र से आती हैं, जहां खाप पंचायतों का दबदबा है। तमाम संघर्षों के बाद अधिकारी बनी रितु इस समय अमेठी जिले में प्रोफेशनल प्रशिक्षण ले रही हैं। रितु की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे अपने गांव व आस पड़ोस के क्षेत्र की पहली अधिकारी हैं। पंचायतों के दबाव के बीच कदम-कदम पर उन्हें शिक्षा के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ा। यही वजह है कि एसडीएम रितु चौधरी ट्रेनिग के साथ ही मेरठ मंडल में सरकार की अभ्युदय कोचिग में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को आनलाइन क्लास देने लगी। वे छात्रों को इतिहास व राजनीति शास्त्र पढ़ाती थी। इसके लिए वह कोई शुल्क भी नहीं लेती थी। इसके लिए मेरठ मंडलायुक्त ने बेस्ट टीचर के रूप में उन्हें सम्मानित भी किया। जिले में तैनाती होने पर वह गौरीगंज तहसील के बाहर दुकान लगाने वाले लोगों के बच्चों को भी रोज ट्यूशन पढ़ाने लगीं। रोज सुबह सात बजे आवास पर उनकी पाठशाला शुरू हो जाती। दो बच्चों से शुरू हुआ सफर 25 से अधिक बच्चों तक पहुंच गया। कोविड संक्रमण के नाते अभी बच्चों यह बंद है।
-आनलाइन करा रहीं सिविल सेवा की तैयारी
सिविल सेवा की तैयारी करने वाले ग्रामीण बच्चों को अभी भी आनलाइन क्लास का सिलसिला जारी है। आनलाइन क्लास में अमेठी के साथ विभिन्न जिलों के लगभग 12 छात्र जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर रहे है।
-गांव में भी किए कई काम
रितु की सफलता उनके क्षेत्र की हर बेटी की सफलता बन गई है। उन्होंने उम्मीदों के नए द्वार खोले हैं। गांव में शिक्षा के विकास के लिए उन्होंने लाइब्रेरी भी बनवाई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य व शिक्षा पर कई काम कर रही हैं।
-मिलती है खुशी
मैंने हर चीज को बहुत नजदीक से महसूस किया है। इसलिए जिस किसी बहाने से लोगों की मदद का मौका मिलता है करना चाहती हूं। बेटियां पढ़ें, आगे बढ़ें इसके लिए कोशिश करती हूं। शिक्षा से जीवन में सबकुछ संभव है।