खंडहर में तब्दील हो गई सरस हाट
किसानों ने की संचालन की मांग। परियोजना पर लाखों रुपये खर्च हुए हैं।
अमेठी : लाखों रुपये की लागत से निर्मित सरस हाट रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गई है। ऐसे में प्रदेश सरकार की नई परियोजना स्थापित करने का दावा महज दिखावा लग रहा है।
आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2009-10 में क्षेत्र के पूरे मोहम्मद नेवाज गांव में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वराज योजना अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग द्वारा लगभग 24 लाख रुपये खर्च कर सरस हाट का निर्माण कराया गया था, जो कि अब खंडहर में पूरी तरह तब्दील हो चुका है। मुख्य गेट पर लगे गेट चोर-उचक्के उठाकर ले गए और दूकानों के शटर और छत की सरिया भी धीरे-धीरे गायब हो रही है। किसानों की मानें तो सरस हाट का मकसद किसानों को उनके क्षेत्र में ही मंडी उपलब्ध कराना था, जिससे उन्हें बिचौलियों से छुटकारा मिल सके। वहीं, उनकी उपज का सही दाम भी मिले। लेकिन, प्रशासनिक उपेक्षा व सरकार की उदासीनता के चलते सरस हाट अब निष्प्रयोज्य हो गई है।
किसान रामसेवक पांडेय, अरविद ओझा, भरत यादव, मुश्ताक अहमद, व रामसिंह आदि ने शासन और प्रशासन से सरस हाट के मरम्मतीकरण व संचालन की मांग की है। एसडीएम रामशंकर ने बताया कि सरस हाट योजना किसानों के लिए नई पहल थी। सरस हाट की मरम्मत के लिए प्रयास किया जाएगा। प्राथमिकता के आधार पर करें समस्याओं का निस्तारण : जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। जिसमें जिले के भूतपूर्व व सेवारत सैनिको एवं उनके आश्रितों की समस्याओं का सर्वोच्च वरीयता एवं प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण के लिए विशेष बल दिया गया। जिलाधिकारी ने भूतपूर्व सैनिकों की समस्याएं सुनी और भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण तथा सुविधाओं की योजनाओं से लाभान्वित कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने लंबित प्रकरणों की जानकारी ली। भूतपूर्व सैनिकों ने जिलाधिकारी से जिले में शहीद स्मारक, सैनिक हास्पिटल, कैन्टीन स्थापित कराने की मांग की। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बैठक में उपस्थित सभी सैनिकों का आभार जताया। बैठक में अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष दूबे, वरिष्ठ कोषाधिकारी आलोक राजवंशी, सहित भूतपूर्व सैनिक उपस्थित रहे।