किसानों को फ सल का उचित मूल्य न मिलना चिंता का विषय : प्रो. अरुण सिंह
अमेठी : रणवीर रणजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एसईआरबी एवं केबीके की ओर से दो दिवसीय रा
अमेठी : रणवीर रणजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एसईआरबी एवं केबीके की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सोमवार को शुरू हुई। गोष्ठी में कृषकों की आय में वृद्धि एवं समाज कल्याण के बारे में जानकारी दी गई।
आरआरपीजी कालेज में राज्यसभा सासद डा. संजय सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर विज्ञान संकाय द्वारा किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सत्र की अध्यक्षता करते हुए पूर्व कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर के प्रो. अरूण कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को कृषि का उचित मूल्य न मिलना चिंता का विषय है। भूमि परीक्षण से कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। फ सलों का चुनाव करते समय भूमि के स्वभाव का ज्ञान आवश्यक है। मुख्य वक्ता प्रिंसिपल साइंटिस्ट लखनऊ के डा. आलोक के कृष्णा ने थ्री टाइम खेती को अपनाने की जरूरत है। खस, लेमन ग्रास एवं पामेल आयल की खेती के द्वारा हम अधिक लाभ कमा सकते हैं। मुख्य अतिथि जांबिया के प्रो. जान एसडी जारमियांह ने भारतीय युवाओं के ग्रामीण क्षेत्र से पलायन पर चिंता व्यक्त किया। आधुनिक तकनीकि गांवों तक पहुंचाकर किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है। आज भी विकासशील देशों में कृषि मौसम पर आश्रित है, जिससे किसानों में अनिश्चितता की स्थिति बनी रहती है। विषय प्रवर्तन करते हुए डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के प्रो. रामलखन सिंह ने कहा कि प्रत्येक पौधे में औषधीय गुण अवश्य पाये जाते हैं। कृषि उत्पादन को वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण एवं प्लास्टिक उद्योग ने काफ प्रभावित किया है। अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डा. त्रिवेणी सिंह व कृषि विज्ञान केंद्र सीतापुर के निदेशक डा. आनंद सिंह ने व्यक्त किया। कार्यक्रम के डा. वीके द्विवेदी, प्रो. अभय कुमार पांडेय, कर्नल पीके गीगू, डा. संजय अरोरा, डा. पूनम सिंह, डा. एसडी मैकाटी, डा. आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, डा. अर्जुन प्रसाद पांडेय, डा. राधेश्याम तिवारी, मीडिया प्रभारी डा. धनंजय सिंह, डा. चंद्रशेखर सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन छात्र दया एवं छात्रा दीक्षा ने किया।