आसमान छू रही है आलू की कीमत
सब्जियों के मंहगे होने से आमजन परेशान हो रहे हैं। वहीं ऑनलॉक के बाद दाम घटने के बजाय अचानक बढ़ने लगे।
अमेठी : कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान जहां आलू की कीमत स्थिर बनी रही, वहीं अनलॉक होते ही आलू की बढ़ती कीमत से अन्य सब्जियां भी बेस्वाद होती जा रही है। कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होने से आमजन की थाली से हरी सब्जी दूर होती जा रही है। इसके पीछे आलू की मांग बढ़ जाना और उत्पादन कम होना प्रमुख वजह बताई जा रही है।
कई वर्षों से किसानों को आलू का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा था। इस बार उत्पादन कम होने से बीते वर्षों की अपेक्षा भंडारण भी घट गया। मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद मांग में कमी आने से आलू की कीमत स्थिर हो गयी थी। लॉकडाउन के समय आलू 15 से 20 रुपये किलो बाजार में रही। वहीं हरी सब्जियों के भाव जमीन पर आ गिरे थे। अनलॉक के साथ-साथ बरसात का मौसम आने से हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे। हाल यह है कि बाजार में फुटकर आलू की कीमत 40 रुपये तक पहुंच गई है।
आंकड़ों पर एक नजर : क्षेत्र में लगभग 10 हेक्टेयर रकबा में आलू की फसल की बोआई की जाती है। किसानों की माने तो प्रति विश्वा खेत में तीन से चार कुंतल आलू का उत्पादन होता है। यहां चिप्सोना, जीएम व 3737 किस्म की आलू फसल मुख्य रूप से बोई जाती है।
इनसेट
सब्जियों का फुटकर भाव आलू - 40 प्रति किग्रा प्याज - 30 प्रति किग्रा टमाटर - 60 प्रति किग्रा तरोई - 30 प्रति किग्रा कद्दू - 30 प्रति किग्रा शिमला मिर्च- 80 प्रति किग्रा भिडी - 40 प्रति किग्रा करैला - 40 प्रति किग्रा