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कण-कण गाता, गण तंत्र की गौरव गाथा

-अमेठी के हर कोने में जली थी क्रांति की ज्वाला -यहां से जुड़ी हैं आजादी के संघर्ष की तमाम कहानियां

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 11:57 PM (IST)
कण-कण गाता, गण तंत्र की गौरव गाथा
कण-कण गाता, गण तंत्र की गौरव गाथा

दिलीप सिंह, अमेठी

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देश को आजादी दिलाने के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया और हमारे आज को सुन्दर व सुरक्षित करने के लिए उन्होंने अपने आज को अंग्रेजी हुकूमत से संघर्ष में होम कर डाला। 1857 में क्रांति की ज्वाला जली तो देश को आजादी दिलाकर ही यहां के सपूतों ने दम लिया। एक-दो नहीं सैकड़ों की संख्या में भारत मां की बलिवेदी पर यहां के वीरों ने अपना लहू अर्पित कर इतिहास लिख डाला तो आजादी के बाद भी जब भी जरुरत पड़ी अमेठी ने गण तंत्र की ताकत दिखाने में खुद को पीछे नहीं रखा। गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर अमेठी का कण-कण, गण तंत्र की गौरव गाथा की अमर कहानी गा रहा है।

भाले सुल्तानियों की वीरता की कहानी अब भी कादू के नाले के बहते पानी के साथ यहां घर-घर सुनाई पड़ती है। कादू नाला पुल के आगे स्थित कुआ अब भी भाले सुल्तानियों की बलिदान की गवाही दे रहा है, जिसमें 1958 में आठ मार्च को अंग्रेजी फौज ने वीरगति पाये वीर जवानों के सिर को काट के डाला था। किसानों के बलिदान की अमर गाथा फुरसतगंज का शहीद स्थल नई पीढ़ी को समझा रहा है। स्मारक उसी स्थान पर बना है, जहां 1947 में छह जनवरी को किसानों पर गोलियां दागी गई थी। गौरीगंज रेलवे स्टेशन से आजादी की बड़ी याद जुड़ी है। यहीं जिले के आजादी के दीवाने किसानों ने महात्मा गांधी की मुलाकात हुई थी, लेकिन रेलवे स्टेशन या फिर उसके आस-पास भी उस घटना की याद दिलाती न तो कोई प्रतिमा अब तक लगी और न ही कहीं घटना उल्लेख ही इस तरह से है, कि नई पीढ़ी उसे जान व समझ सके। फर्ज है हमारा सपूतों का सम्मान करना

हमें अपने वीर सपूतों पर गर्व है। अमेठी की माटी में देश के लिए बलिदान देने वालों का लहू मिला है। इस मिट्टी का सम्मान करना सभी का फर्ज है।

दिनेश सिंह, एसपी, अमेठी

धरोहर को संजोएगें हम

आजादी व गणतंत्र से जुड़ी धरोहर को बचा के रखने व उससे प्रेरणा लेने की चाहत सभी के मन में होनी चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर हम धरोहरों को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

अरुण कुमार, डीएम, अमेठी गांव-गांव कराया प्रवेश द्वार का निर्माण

देश के निए सबकुछ बलियाद कर देने वाले महापुरूषों की याद में हमने विधायक निधि से गांव-गांव में प्रवेश द्वार का निर्माण कराकर उन्हें याद रखने की छोटी सी कोशिश की है।

राकेश सिंह, विधायक, गौरीगंज देश के लिए बलिदान होने वाले वीरों का ऋणी है कण-कण

फुरसतगंज में शहीद हुए किसानों के साथ ही भाले सुल्तानियों के बलियाद की गौरव गाथा हमें देश के लिए सबकुछ बलिदान करने की प्रेरणा देती है।

मयंकेश्वर शरण सिंह, विधायक, तिलोई वीरों के त्याग व बलिदान से भरा है अमेठी का इतिहास

देश की आजादी व गण तंत्र की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले वीरों की कहानियों से अमेठी का इतिहास भरा हुआ है।

गरिमा सिंह, विधायक, अमेठी महापुरूषों के याद में बनवाया द्वार

देश की आन-बान व शान के लिए अपना सबकुछ बलियाद करने वाले महापुरूषों की याद में विधान सभा क्षेत्र के सभी प्रमुख मार्गों पर मुख्य द्वार बनवाया गया है।

सुरेश पासी, विधायक, जगदीशपुर


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