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मनरेगा का धन डकार गए जिम्मेदार, नहीं हुई कार्रवाई

प्रदेश के ग्राम्य विकास आयुक्त ने जांच के बाद की पुष्टि। डीएम और सीडीओ को कार्रवाई का आदेश दिया था। मनरेगा योजना में 32.64 लाख रुपये का गोलमाल।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:39 PM (IST)
मनरेगा का धन डकार गए जिम्मेदार, नहीं हुई कार्रवाई
मनरेगा का धन डकार गए जिम्मेदार, नहीं हुई कार्रवाई

कंचन सिंह, अमेठी

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मनरेगा योजना में अफसरों ने लाखों रुपये हड़प लिए। इस गोलमाल को दैकिन जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। आरोपित अफसरों ने जांच के दौरान पोल-पट्टी खुलती देखकर आनन-फानन में 32 लाख 64 हजार रुपये जमाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास शुरू कर दिया। प्रकरण के विधान परिषद में उठने और ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह के दखल पर जांच शुरू हुई। इसी क्रम में आयुक्त ग्राम्य विकास ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था।

प्रकरण दो साल पहले का है। अमेठी जिले के सीडीओ की कुर्सी खाली होने का पूरा लाभ जिला विकास अधिकारी बंशीधर सरोज व पटल अधिकारी देवी शंकर दुबे ने उठाया। दरअसल, सीडीओ का चार्ज भी जिला विकास अधिकारी के पास था। उन्होंने सात जून 2018 को चुपके से ग्रामीणों की मजदूरी व वेतन के लिए भेजे गए 32.64 लाख रुपये एडवांस में निकाल लिए। इसी क्रम में रकम को जहां खर्च करना था, उसे वहां खर्च भी नहीं किया। घटना का पता तब चला, जब 27 फरवरी 2019 को ऑडिट टीम पहुंची। फाइलों की पड़ताल पर अफसर कोई हिसाब नहीं दे सके। बिल न बाउचर, सिर्फ मुंह जुबानी स्टेशनरी व प्रचार-प्रसार में व्यय बताते रहे।

ग्राम्य विकास विभाग के अपर आयुक्त ने मुख्य विकास अधिकारी व मनरेगा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक से जवाब-तलब किया, मगर कई माह बीतने के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब देने के बजाए भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में अन्य अफसर जुट गए। इस पर कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने प्रकरण को सदन में उठाया। इस पर योगी सरकार हरकत में आई। ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने अधिकारियों को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उधर, प्रकरण को तूल पकड़ता देख आरोपितों ने गोल की गई रकम मनरेगा खाते में जमा कर मामले को खुर्दबुर्द करने की कोशिश की।

जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर अपर आयुक्त योगेश कुमार ने मामले में आयुक्त को कार्रवाई करने की संस्तुति कर दी। आयुक्त मनरेगा ने भी डीएम-सीडीओ को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया। लेकिन, स्थानीय स्तर पर मामले को रफादफा करने में जुटे अफसर बाज नहीं आ रहे हैं। इस बाबत प्रभारी जिलाधिकारी डॉ. अंकुर लाठर ने कहा कि संबंधित दोनों अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।


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