शहर में उतरी जेसीबी, विरोध में भीड़
ओवर ब्रिज निर्माण वाली सड़क पर अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ। प्रशासन व व्यापारी आमने-सामने। गतिरोध खत्म नहीं हो रहा।
अमेठी : शहर में ककवा ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर शुरू हुआ गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कई स्तर की वार्ता के बाद भी शनिवार को प्रशासन व शहर वासी आमने-सामने आ गए। जेसीबी का चक्का रोकने के लिए भीड़ सड़क पर उतर आई। दिनभर शहर में गहमागहमी का माहौल बना रहा। शनिवार को प्रशासन स्तर पर शुरू किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान का व्यापारियों ने विरोध किया। इसी क्रम में अभियान दोपहर बाद रोक दिया गया।
दरअसल, शहर के ककवा मार्ग पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए सड़क के दोनों किनारों से अतिक्रमण हटवाया जाना है। ककवा रेलवे क्रासिंग के दूसरे किनारे सेतु निगम की ओर से ब्रिज बनवाने का कार्य शुरू कर दिया गया है और दूसरे हिस्से में पिलर का कार्य समाप्त होने के बाद कार्यदायी संस्था सेतु निगम ने ककवा मार्ग पर मानक के अनुसार प्रशासन से भूमि की मांग की थी। इसी क्रम में तीन दिन पूर्व अतिक्रमण हटाने की शुरुआत हुई। शहर के व्यापारी अभियान के विरोध में हैं। विधायक प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह, एसडीएम योगेन्द्र सिंह, सीओ अर्पित कपूर और व्यापारियों के मध्य बातचीत भी हुई। व्यापारियों ने एक माह में स्वयं अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया था। विधायक प्रतिनिधि ने व्यापारियों से कहा था कि वह दूसरे दिन से स्वयं अपना अतिक्रमण हटाना शुरू कर दें।
शुरू हुआ प्रदर्शन, घंटों रही तनातनी :
प्रशासन का कहना है कि तीन दिन बीतने के बाद अतिक्रमण हटाने की कोई शुरुआत नहीं होने पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार दिग्विजय सिंह, प्रभारी निरीक्षक श्यामसुंदर ने रेलवे क्रासिंग की ओर से अतिक्रमण हटवाना शुरू कर दिया। तकरीबन एक घंटे तक अतिक्रमण हटवाया गया। इसी बीच नाराज व्यापारी जेसीबी के आगे आकर खड़े हो गए। कुछ देर तक बातचीत हुई, फिर व्यापारी सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। इसी क्रम में प्रशासन ने अभियान रोक दिया। कई घंटे व्यापारियों और अधिकारियों के बीच बहस हुई। व्यापारियों ने कहा कि सहालग बाद हम लोग अतिक्रमण हटाने में सहयोग करेंगे। अतिक्रमण हटाने का एक मानक तय किया जाए।
विधायक प्रतिनिधि अमेठी अनंत विक्रम सिंह ने कहा कि ओवर ब्रिज लोगो के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन, इसके निर्माण में लोगों का उत्पीड़न भी न हो। एक माह का समय बैठक में व्यापारियों ने लिया था। लोग स्वयं अपना अतिक्रमण हटाएंगे। इससे उनका नुकसान नहीं होगा। व्यापारियों ने मुझे अतिक्रमण हटाने की सूचना दी। इसके बाद अभियान को बंद करवा दिया गया है। व्यापारियों से अपील है कि वह अपना अतिक्रमण स्वयं हटा लें, जिससे ब्रिज निर्माण में कोई समस्या न हो।
एसडीएम अमेठी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि हम बराबर व्यापारियों का सहयोग कर रहे हैं। तीन माह से लगातार लोग समय ही मांग रहे हैं। तीन दिन पहले भी बात हुई थी। व्यापारियों ने यही आश्वासन दिया था कि हम लोग एक माह में अतिक्रमण हटा लेंगे। लेकिन, तीन दिन में एक ईंट नहीं हटाई गई।
बर्दाश्त नहीं होगा उत्पीड़न :
जिलाध्यक्ष व्यापार मंडल अमेठी राजेश अग्रहरि ने कहा कि व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। कोरोना काल में व्यापारी वैसे ही नुकसान उठा रहा है। सहालग के समय अभियान चलाने से व्यापारी को और ज्यादा हानि होगी। प्रशासन अभियान तुरंत बंद करें। कहा गया कि 12 दिसंबर तक किसी भी दशा में अतिक्रमण अभियान नहीं चलने दिया जाएगा। इसके बाद प्रशासन से बात करके ब्रिज बनवाने के लिए बीच का रास्ता निकाला जाएगा।
व्यापारी नहीं हटा रहे अतिक्रमण :
सीओ अर्पित कपूर ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई व्यापारी शुरू करें प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटाएगा। व्यापारी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू नहीं कर रहे है। इसके कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है।
बदले की भावना से काम कर रहा प्रशासन :
नगर अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल अनूप अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन हम व्यापारियों के साथ बदले की भावना से काम करना बंद कर दें। इतने सालों की संपत्ति हटाने में समय लगता है। प्रशासन को नोटिस भेजते समय अतिक्रमण हटाने का समय भी देना था। विधायक प्रतिनिधि के सामने जब समय दिया गया था तो आज कैसे अभियान चलाया गया।