जर्जर हालत में बालिका इंटर कालेज के कक्ष
एक शिक्षिका तैनात है जो कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य का भी कार्यभार संभाल रहीं। बचों के भविष्य के साथ जीवन से हो खिलवाड़ रहा। सन 1965 में स्थापित कन्या जूनियर हाईस्कूल में राजकीय बालिका इंटर कालेज बना दिया गया।
अमेठी : कन्या जूनियर हाईस्कूल का निर्माण 1965 में हुआ, जिसके भवन में पहले राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फिर राजकीय बालिका इंटर कालेज स्थापित कर दिया गया। यहां वर्तमान में छात्राओं की संख्या 800 से ज्यादा है। लेकिन, वर्षों से शिक्षिकाओं की कमी बनी हुई है। बहरहाल, कार्यवाहक प्रधानाचार्य के सहारे ही कालेज का संचालन हो रहा है।
नगर के बुजुर्ग डा. जिया जाफरी ने बताया कि 1965 में तब के एमएलए वसी नकवी ने जासय में बालिकाओं की शिक्षा पर जोर दिया तब उनके पिता हकीम अहमद मुकतदा ने स्कूल के लिए अपनी भूमि दान की थी। दो दशक बाद उसी भवन में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फिर दो दशक बाद उसी भवन में राजकीय बालिका इंटर कालेज स्थापित किया गया, जो कि आज भी उसी छोटे से भवन में संचालित है। विभागीय उदासीनता के चलते कालेज में प्रधानाचार्य की तैनाती नहीं हुई। अब हालात यह हैं कि यहां एक शिक्षिका कुमारी शशि ही तैनात हैं, जो कि प्रधानाचार्य का भी कार्यभार संभाल रही हैं। कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने बताया कि इंटरमीडिएट में 103 और हाईस्कूल 146 छात्राएं हैं।
इस संबंध में जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक से बात कर कालेज में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। कालेज में जो भी अव्यवस्था है। उन्हें भी दुरुस्त करवाया जाएगा।
छात्राओं की पीड़ा :
कालेज की छात्रा अदीबा, तहरीन, गौसिया, हलीमा, मोहनी, खुशबू सैनी, करिश्मा, कृतिका व ज्योति कुमारी का कहना है कि नगर व आसपास के क्षेत्रों की छात्राओं के लिए यही एकमात्र बालिका कालेज है। पढ़ाई के लिए ट्यूशन या कोचिग का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन, इस सत्र में कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई बिल्कुल बाधित है।
नगर के लोगों की भी सुनिए :
डा. जमाल ने बताया कि शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए शासन और प्रशासन की मंशा थी, जो कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से साकार नहीं हो पा रही है। सभासद विनय कुमार ने बताया कि जर्जर भवन में छात्राओं के भविष्य के साथ जीवन भी खतरे में है। सभासद प्रतिनिधि मोहम्मद अहमद ने बताया कि राजकीय बालिका इंटर कालेज का भवन बहुत छोटा है। शासन व प्रशासन को चाहिए कि यहां बालिकाओं की पढ़ाई के लिए कन्या जूनियर हाईस्कूल संचालित हो और राजकीय बालिका इंटर कालेज का भवन का निर्माण कराया जाए। सभासद प्रतिनिधि रफीक अंसारी का कहना है कि जायस में बालिकाओं की पढ़ाई के लिए सरकार शिक्षिकाओं की समुचित व्यवस्था करे। पूर्व सभासद अनिल कुमार साहू कहते हैं कि बालिकाओं की शिक्षा अति आवश्यक है। लेकिन, यहां एक दशक से बालिकाओं की पढ़ाई रामभरोसे है।