निर्माण की धीमी प्रगति पर डीएम ने जताई नाराजगी
डीएम ने निर्माणाधीन सेतु का निरीक्षण किया। ाम में तेजी लाने का आदेश देने के साथ गैरजिम्मेदारों को फटकार लगाई।
अमेठी : गोमती नदी के पाली घाट पर निर्माणाधीन सेतु का जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया। मंगलवार की सुबह पहुंचे जिलाधिकारी अरुण कुमार ने सेतु निगम के अभियंताओं को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने लगभग 35 फीसद झुकी सेतु की पहली कूप को देखा और निगम के परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार से जानकारी ली। प्रबंधक ने उन्हें उसके झुकाव के लिए सिल्ट समस्या बताई और यह भी बताया कि यह तकनीकी मामला है। ठीक करा दिया जाएगा।सितम्बर 2018 से शुरू हुए 21 करोड़ की लागत से बन रहे सेतु की ढीली प्रगति पर डीएम ने असंतोष जताया। सहायक अभियंता सेतु निगम लोकेश खरे ने बताया कि निर्माण की एनओसी लेने में पांच-छह महीने बीत गए थे। जिलाधिकारी ने निगम के अभियंताओं से जब निर्माण सामग्री आपूर्ति करने वाली एजेंसी के बारे में पूछा और मोरंग खरीद की पर्ची मांगी तो वह उन्हें कुछ भी नहीं दिखा सके। डीएम ने परियोजना प्रबंधक को निर्देश दिया कि वह किसी ऐसी एजेंसी से मोरंग,बालू न खरीदें जो शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश व नियमों का अनुपालन न कर रहा हो। बिना सरकारी शुल्क का भुगतान किए यदि कोई सामग्री की आपूर्ति करता है तो उस पर नियमानुसार जुर्माना की कार्रवाई भी करें। डीएम ने कहा कि दिसम्बर 2021 तक सेतु का निर्माण पूर्ण होना है। इसलिए कार्य मे तेजी लाई जाए। उन्होंने पुल निर्माण में आने वाली जमीन सम्बन्धी समस्या के निस्तारण व टीम बनाकर नदी के किनारे बालू खनन पर प्रतिबंध लगाए जाने का आदेश एसडीएम राम शंकर को दिया। उन्होंने थानाध्यक्ष को क्षेत्र में बढ़ते अपराधों व अवैध असलहों की तस्करी रोकने को कहा। ग्रामीणों ने गांव में सफाई कर्मी न आने की शिकायत की। निरीक्षण के दौरान सेतु निगम के अवर अभियंता अंकित, थानाध्यक्ष रविद्र सिंह मौजूद रहे।