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बिचौलियों को कम दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं किसान

धान खरीद की गति धीमी होने के चलते हो रही समस्या केंद्रों पर तौल के इंतजार में ट्रैक्टर ट्राली की लगी है लाइन।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 11:13 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 11:13 PM (IST)
बिचौलियों को कम दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं किसान
बिचौलियों को कम दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं किसान

संवादसूत्र, सिंहपुर(अमेठी) : सरकारी केंद्रों पर धान खरीद का पूरा लाभ किसानों को मिलता नजर नहीं आ रहा है। सरकारी एजेंसियों द्वारा धान खरीद की गति धीमी होने से क्षेत्र में बिचौलिए सक्रिय है। वर्तमान में रबी फसल की बोआई का समय चल रहा है। ऐसे सरकारी केंद्रों पर खरीद सुस्त होने के चलते किसान अपना धान औने-पौने दामों पर साहूकारों को बेचकर गेंहू की बोआई में जुट गए हैं। प्रदेश सरकार ने एक नवंबर से धान खरीद का फरमान जारी किया है। किसानों की सुविधा को देखते हुए विकास खंड के फूला, सातनपुरवा , टेढईऔर सिंहपुर, इन्हौना व सेमरौता में क्रय केंद्र खोले गये है। जिससे किसान को धान बेचने में सहूलियत मिल सके। धान खरीद शुरू हुए माह भर से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन खरीद की गति बेहद धीमी है। जिसके चलते तमाम किसान मायूस हो रहे हैं। वहीं करीब दर्जन भर किसान तौल के इंतजार में धान लदी ट्राली लेकर केंद्र पर ही रात बिता रहे हैं। सिंहपुर स्थित विपणन शाखा के खरीद केंद्र पर लगभग 350 किसानों को टोकन दिया जा चुका है। वहीं अब तक यहां पर 65 किसानों से 500 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। इसके सापेक्ष 250 मीट्रिक टन धान राइस मिल पर भेजा गया है। सेमरौता केंद्र पर 46 किसानों से 270 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा सकी है। वहीं 110 मीट्रिक टन धान मील पर भेजा है। खास बात यह है कि सरकार की तरफ से सभी प्रजाति के धान खरीद करने की बात कही गयी है, लेकिन किसान जब केंद्रों पर हाइब्रिड धान लेकर पहुंचते हैं तो प्रभारी 67 प्रतिशत चावल न होने की बात कह उसे चलता कर देते हैं। इस तकनीकी पेंच से किसानों में उहापोह की स्थित है। केंद्र प्रभारियों की मनमानी के चलते बिचौलियों की दुकान चल पड़ी है। अन्नदाता अपने खेतों की उपज को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर है। इस संबंध में विपणन निरीक्षक तेजभान सिंह ने बताया कि धान तौल लगातार चल रही है। टोकन के अनुसार प्रतिदिन किसानों की उपज खरीदी जा रही है। पंजीकृत सभी कृषकों का धान खरीदा जाएगा।

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