Move to Jagran APP

धान बचाने में जुटे किसान व खरीद कर्मचारी

मौसम का बदला मिजाज। सैकड़ों कुंतल धान भीग सकता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 11:50 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 11:50 PM (IST)
धान बचाने में जुटे किसान व खरीद कर्मचारी
धान बचाने में जुटे किसान व खरीद कर्मचारी

अमेठी : तहसील के किसानों के धान की खरीद के लिए आठ क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। शहर के बाइपास तिराहे पर स्थित धान क्रय केंद्र पर किसानों की भीड़ अब परिसर से बाहर मुख्य मार्ग तक पहुंच गई है। इस केंद्र पर एक हजार से ज्यादा किसानों के धान खरीदा जा चुका है। बहरहाल, मंगलवार दोपहर बाद आसमान पर छाये बादलों ने चिता बढ़ा दी है। क्रय केंद्र पर मौजूद सैकड़ों कुंतल धान बचाने की जद्दोजहद शुरू कर दी गई है।

loksabha election banner

दरअसल, इस क्रय केंद्र पर भीड़ इस कदर है कि परिसर वाहनों से खचाखच भरा होने के बाद अब सड़क पर भी वाहनों की कतारें लग गई हैं। एसएमआइ मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 1026 किसानों से 5300 कुंतल धान की खरीद की जा चुकी है। परिसर भर गया है। काफी मात्रा में धान खुले में रखा है। प्लास्टिक शीट बिछाकर धान को सुरक्षित किया जा रहा है। किसान भी अपने वाहनों पर प्लास्टिक शीट लगाकर धान सुरक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो टीमें तौल कार्य कर रही हैं, जो कि प्रतिदिन हो रही है। किसानों को निर्धारित तारीख पर ही तौल के बुलाया जा रहा है।

एसएमआइ ने बताया कि कुछ किसान समस्या के चलते बारी नहीं होने के बाद भी आ जाते हैं। ऐसे में किसी किसान को लौटाया नहीं जा सकता है। एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि खरीद का कार्य सबसे ज्यादा विपणन केंद्र पर हो रहा है। इसलिए भीड़ भी ज्यादा है। खरीदे जा चुके धान को बारिश आदि से बचानी प्राथमिकता है।

कतार में लगे किसानों की बढ़ी चिता :

गौरीगंज प्रतिनिधि के अनुसार मौसम के बदले मिजाज से धान बेचने के लिए कतार में लगे किसान सबसे अधिक परेशान है। सरकारी क्रय केंद्रों पर पिछले कई दिनों से ट्रैक्टर ट्राली पर धान लाद कर खड़े किसान आसमान में बदल देख चिता में डूब गए हैं। एक ओर सर्दी और दूसरी ओर घर से दूर क्रय केंद्र पर अपनी बारी आने के इंतजार के बीच मंगलवार दोपहर बाद मौसम में आए बदलाव के बीच लालपुर क्रय केंद्र पर पिछले पांच दिन से धान लेकर अपनी बारी का इंतजार करने वाले सतेंद्र कहते हैं कि अगर हल्की बारिश भी हो गयी तो धान में नमी आ जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.