हताशा ने लगाई खुशियों में 'आग'
गंवई सियासत का यह कैसा रंग बढ़त की चाहत में इंसान को जिदा जलाने तक बात पहुंची।
दिलीप सिंह, अमेठी : शुक्रवार सुबह हंसते-खेलते गांव के लिए एक मनहूस खबर लेकर आई। प्रधान पति की मौत की सूचना ने हर किसी को झकझोर दिया और रात के अंधेरे में बुनी गई साजिश का असर दिन के उजाले में साफ-साफ दिखने लगा। पुलिस वाहनों के सायरन की आवाज ने खेती-किसानी के माहौल में अचानक डर पैदा कर दिया। चेहरे जो कुछ देर पहले तक चहक रहे थे। देखते ही देखते सब शांत हो गए। सियासत की हताशा ने दो परिवारों के साथ गांव की खुशियों में भी आग लगा दी है। प्रधान पति की जलकर मौत होने के बाद गंवई सियासत की यह आग क्या-क्या जलाएगी। अभी कह पाना मुश्किल होगा। चुनावी रंजिश, शिकायत व जांच के बीच प्रधान पति की मौत ने एक साथ कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। अगर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है तो पुलिस को हर एक सवाल का जवाब तलाशना ही होगा। गौरतलब है कि बंदोइया के पहले पांच सितंबर को गौरीगंज के बस्ती देई के उत्तरगांव में ऐसी ही आग भूमि के छोटे से टुकड़े के लिए राम प्रसाद पासी को जलाकर मार डाला था।
एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि हत्याकांड को गंभीरता से लिया गया है। एक नाबालिग सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है। जल्द ही सच सबके सामने होगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
कई माह से चल रहा है विवाद :
गांव के विकास कार्यों में अनियमितता का आरोप लगातार राजेश, कृष्ण कुमार पक्ष ग्राम प्रधान का विरोध कर रहा था। तहसील दिवस से लेकर जिला मुख्यालय तक प्रार्थना पत्र देकर जांच की मांग की गई थी। गुरुवार को भी गांव में जांच को लेकर गहमागहमी थी। लेकिन, जांच की रफ्तार इतनी मंद थी कि सच सामने आने से पहले ही एक ऐसी घटना हो गई, जिसका किसी को अंदेशा तक नहीं था।
जहां मिले प्रधान पति, उस घर में चारों ओर लगे हैं सीसीटीवी :
जिस चहारदीवारी के अंदर प्रधान पति अर्जुन अधजली अवस्था में मिले। उस घर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा लगे हुए दिख रहे हैं। बात करने पर मालूम हुआ कि पुलिस हार्ड डिस्क ले गई है। सभी कैमरे चालू हालत में हैं।