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सोता रहा महकमा बनती रही कच्ची शराब

कई जिलों में मौत के बाद मचे कोहराम पर हुई छापेमारी पांच दिन में 856 लीटर शराब बरामद

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 11:11 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 11:11 PM (IST)
सोता रहा महकमा बनती रही कच्ची शराब
सोता रहा महकमा बनती रही कच्ची शराब

अमेठी: पंचायत चुनाव में अवैध शराब पर अंकुश लगाने में महकमा कुछ हद तक सफल रहा है। चुनाव समाप्त होने के बाद जिम्मेदार विभाग सो गया। वहीं गांवों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार बेरोकटोक चलता रहा है। कई जिलों में कच्ची शराब पीने से हुई मौत के बाद मचे कोहराम के बीच छापेमारी अभियान शुरू हुआ तो पांच दिन में 856 लीटर कच्ची शराब बरामद कर 36 आरोपितों को पकड़ा गया है। वहीं एक फरार होने में कामयाब हो गया।

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पंचायत चुनाव कराने के बाद आबकारी व पुलिस महकमा आंख बंद कर आराम करने लगा। आबकारी विभाग संसाधन की कमी का रोना रोता आ रहा है। जब कि विभागीय सूत्रों का कहना है कि कच्ची शराब का कारोबार उसकी सह पर चलाया जाता है। सब जानते हुए भी अनजान बना हुआ है। जिसका फायदा शराब कारोबारी उठा रहे हैं। लोगों की जिदगी की कीमत पर धन जुटाने वाले महकमे की नींद तब खुल रही है। जब पडोसी जिलों से मौतों की गूंज कानों तक पहुंचने लगती है। कच्ची शराब पीने से प्रदेश के कई जिलों में आए दिन लोग जान गवां रहे हैं। मौतों के बाद शुरू हुई छापेमारी की कार्रवाई में शराब का भारी जखीरा सामने आया है। आखिर जिले में जब शराब बन नहीं रही थी तो यह आया कहां से। कच्ची व अवैध शराब पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी जिस महकमे पर है। वह कर क्या रहा था। यह सवाल सभी के जेहन में गूंज रहा है।

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई:

कच्ची शराब की धरपकड़ के लिए पुलिस न कई थाना क्षेत्रों में कार्रवाई की है। गत 29 मई को छापेमारी कर 65 लीटर शराब बरामद कर दो आरोपितों को पकड़ा है। जब कि एक फरार हो गया था। 30 मई को सबसे अधिक 375 लीटर शराब बरामद कर 19 आरोपित को जेल भेजा है। 31 मई को 210 लीटर शराब के साथ पांच धरे गए हैं। एक जून को 150 लीटर शराब के साथ आठ को गिरफ्तार किया। दो जून को 23 लीटर शराब बरामद कर दो लोगों को पकड़ा है। पुलिस की इस कार्रवाई में 767 लीटर शराब के साथ 36 आरोपित पकड़ में आए हैं। वहीं आबकारी विभाग ने 29 मई को 22 लीटर, 30 मई को 67 लीटर शराब के साथ नौ आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आबकारी विभाग का गुड वर्क उसकी कार्यशैली को बयां कर रहा है।

वर्जन:::

कच्ची शराब के लिए चिह्नित गांवों में छापेमारी की जा रही है। संसाधन की कमी के चलते अभियान में तेजी नहीं आ पा रही है। जल्द ही पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर अभियान चलाया जाएगा।

-आरके वर्मा, जिला आबकारी अधिकारी, अमेठी


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