असलहा तस्करी का अड्डा बन गया अमेठी
अमेठी : कहीं देशी तमंचा। कहीं मुंगेरी पिस्टल तो कहीं विदेशी असलहे। केवल अपराध के लिए
अमेठी : कहीं देशी तमंचा। कहीं मुंगेरी पिस्टल तो कहीं विदेशी असलहे। केवल अपराध के लिए ही नहीं बल्कि खरीद फरोख्त के लिए भी असलहे जिले में उपलब्ध है। बीते महीनों में पुलिस के खुलासे में जो हकीकत सामने आ रही है, वह निश्चित ही चौकाने वाली है। अपराधी हथियारों की सप्लाई कर रहे है। खाकी की सरपरस्ती में खेल जारी रहता है। गाहे-बगाहे कुछ को पकड़कर अंदर कर दिया जाता है। नेटवर्क से जुड़े लोगों की माने तो जिले से आस पड़ोस के कई जिलो तक हथियारों की सप्लाई हो रही है।
शनिवार को पुलिस ने दो असलहा कारोबारी को गिरफ्तार किया, जबकि दो फरार हो गए। हालांकि की पुलिस के हाथ मुख्य सरगना लगा, जिससे इस कारोबार का भंडाफोड़ हो सका। जिले में अवैध कारोबार वर्ष 2013 से ही चल रहा है। पड़ोसी जनपद बाराबंकी, प्रतापगढ़ व सुलतानपुर के रास्ते कारोबारी असलहे लाकर जिले में बेच रहे है। यही नहीं इनमें प्रतिबंधित पिस्टल भी चालीस से पचास हजार में बेची जा रही है।
आंकड़ों पर नजर
पुलिस विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो जनवरी से अबतक 101 देशी तमंचा, सात पिस्टल, 225 कारतूस, आठ चाकू व तीन मैग्जीन पकड़ी कई है। इसके साथ 113 आरोपित भी आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार हो चुके है।
आपराधिक घटनाएं भी कारण
लूट, छिनैती, हत्या की वारदातों में अपराधी कारोबारियों से संपर्क कर आसानी से असलहा ले लेते है। यही नहीं पांच हजार से लेकर तीस हजार तक तमंचा, चालीस से अस्सी तक पिस्टल (विदेशी भी शामिल) व तीस से दो सौ रुपये तक कारतूस मिल जाता है।
विशेष अभियान से होगी धरपकड़
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा कि अवैध असलहे का कारोबार किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। लगातार अभियान चलाया जा रहा है। विशेष टीम भी इसके लिए लगाई जाएगी।