आरोपितों की रिहाई से नाराज अधिवक्ता संघ ने किया प्रदर्शन
पुलिस ने सफारी समेत दो आरोपितों गिरफ्तार कर एसडीएम के समक्ष पेश किया।
अमेठी : बीते शनिवार को तहसील परिसर में एक वसीयत के मामले को लेकर दस्तावेज लेखक व अधिवक्ता के बीच खूनी संघर्ष हुआ। घटना में दस्तावेज लेखक की ओर से आए सफारी सवार आधा दर्जन युवकों ने तहसील परिसर में दो अधिवक्ताओं की जमकर पिटाई कर उन्हें लहूलुहान कर दिया। सूचना पर पुलिस ने सफारी समेत दो आरोपित युवकों को हिरासत में लेकर एसडीएम रामशंकर के समक्ष पेश किया। जहां से दोनों आरोपितों को अमहट जेल भेज दिया गया। हालांकि इस बीच उच्चाधिकारी के दबाव में एसडीएम ने वारंट निरस्त करते हुए टेलीफोन पर रिहाई का आदेश दिया। आधे रास्ते से मुल्जिम रिहा होकर लौट आए। इस बात की भनक लगते ही अधिवक्ता संघ मजिस्ट्रेट के कारनामे से खिन्न होकर आंदोलन पर उतर आया और सोमवार को आपात बैठक कर बार एसोसिएशन अध्यक्ष सोमप्रकाश मिश्र ने एसडीएम से मुलाकात करने का समय लिया। एसडीएम के न होने पर नाराज अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। इस बीच कुछ अधिवक्ताओं ने दस्तावेज लेखक के फर्नीचर व तख्ता भी तोड़ दिए। एसडीएम रामशंकर की कोर्ट पर पहुंच कर जमानत की पत्रावली देखी। पत्रावली में बिना सीओपी वाले अधिवक्ता का फर्जी वकालतनामा व अन्य कानूनी खामियां मिलने पर अधिवक्ता संघ ने आपत्ति जताते हुए एसडीएम को बुलाने पर अड़ गए। तहसीलदार श्रद्धा सिंह ने हंगामा शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित वकील मुद्दा सुलझने तक कोर्ट का बहिष्कार कर वापस गए। इस बाबत तहसीलदार श्रद्धा सिंह ने बताया कि अधिवक्ता संघ से वार्ता कर मामले को सुलझाया जाएगा। वहीं परिसर में तोड़फोड़ की जानकारी से इंकार किया।
- बोले बार अध्यक्ष
बार एसोसिएशन अध्यक्ष सोमप्रकाश मिश्र ने अधिवक्ता की पिटाई मामले में एसडीएम के नाटकीय ढंग से टेलीफोन पर रिहाई को गैरकानूनी बताया और एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार करने के साथ मारपीट में शामिल दस्तावेज लेखक का लाइसेंस निरस्त होने तक आंदोलन जारी रहने की बात कही।
- वकीलों के कब्जे में घंटो रहा तहसील परिसर सोमवार दोपहर बाद बार एसोसिएशन के आवाहन पर बुलाई गई आपात बैठक के कुछ ही देर बाद तहसील का माहौल बदल गया। अधिवक्ताओं ने एसडीएम कोर्ट पर घंटो तक हंगामा किया। इस दौरान कक्ष में कई बार पेशकार से रिहाई प्रकरण पर तीखी बहस होती रही। हालांकि एसडीएम अपने आफिस में लौटकर नहीं आए। हंगामा शांत कराने पहुंची तहसीलदार श्रद्धा सिंह की अपील भी नाराज अधिवक्ताओं ने ठुकरा दिया और परिसर में नारेबाजी करने लगे। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मूकदर्शक बना रहा। हंगामे के चलते तहसील में फरियादी भी इधर उधर भागते नजर आए। वहीं रजिस्ट्री कार्यालय में रजिस्ट्री कराने वालों को दुबक कर कक्ष में शरण लेनी पड़ी।