तीन हजार समूहों की 36 हजार महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ीं
विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने की कवायद चल रही।
कंचन सिंह, अमेठी
जिले में बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने की कवायद तेजी से चल रही है। तीन हजार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 36 हजार महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ीं हैं। वहीं, मनरेगा के तहत 48.5 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही अन्य योजनाओं से भी गरीबी उन्मूलन के प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न विकासपरक योजनाओं से जिले में गरीबी उन्मूलन के लिए कार्य किए जा रहे हैं। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना से जोड़कर उन्हें पक्के आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहीं, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रशिक्षण देकर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा है। जिले में गठित चार हजार समूहों में से लगभग एक हजार समूह निष्क्रिय हैं, जिन्हें सक्रिय कर रोजगार से जोड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है।
मनरेगा भी गरीबी उन्मूलन में सहायक साबित हो रही है। मनरेगा के तहत जिले के एक लाख 12 हजार 902 परिवारों के 48 लाख 49 हजार 107 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी छोड़कर शहरों से गांव लौटे लोगों को मनरेगा के तहत तालाब निर्माण सहित अन्य कार्यों के जरिए रोजगार दिया गया है।
सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर ने बताया कि जिले में गरीबी उन्मूलन के लिए कई तरह की रोजगारपरक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनके माध्यम से हजारों की संख्या में महिलाओं व पुरुषों को सीधे रोजगार से जोड़कर लाभान्वित किया जा रहा है।
आवास योजना के तहत मिला पक्का मकान :
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पंजीकृत 19339 लाभार्थियों के सापेक्ष निर्धारित लक्ष्य 16272 को आवास दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 912 लोगों को पंजीकृत किया गया है। इसमें से 754 लाभार्थियों को आवास का लाभ मिल चुका है।