पैमाइश में मिली 36 किसानों की भूमि
संबंधित किसानों को अब मुआवजा मिलने की उम्मीद बढ़ी। लंबी लड़ाई के बाद बात बनी।
अमेठी : संग्रामपुर के शुकुलपुर गांव के किसान पुल निर्माण पूरा होने के बाद संपर्क मार्ग निर्माण कार्य का विरोध कर रहे थे। किसानों की मांग थी कि उनकी भूमि पर मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में उन्हें भूमि के बदले मुआवजा दिया जाए। राजस्व विभाग की पैमाइश में किसानों की बात सही साबित हुई। दरअसल, शुकुलपुर गांव में तीन वर्ष पहले मालती नदी पर पुल निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था।
नदी पर पुल नहीं होने से आसपास के दर्जनों गांव के लोगों को कई किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करके संग्रामपुर ब्लाक मुख्यालय, थाना, सीएचसी और माता कालिकन धाम जाना पड़ता था। तकरीबन एक वर्ष पूर्व पुल निर्माण का कार्य पूरा हो गया। गांव से पुल तक पहुंच मार्ग निर्माण कार्य शुरू हुआ तो गांव के लोग विरोध करने लगे। कई माह तक कार्यदायी संस्था के स्तर पर प्रयास किया गया। लेकिन, बात नहीं बनी। इसके बाद लोक निर्माण विभाग की ओर से डीएम को शिकायती पत्र देकर मार्ग निर्माण में अवरोध उत्पन्न किए जाने की शिकायत की गई। विभाग का यही मत था कि मार्ग पर पूर्व में खड़ंजा बना था, जिस पर मार्ग बनाया जा रहा है। ऐसे में मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। बहरहाल, किसान कोई बात सुनने को तैयार नहीं हुए, जिसके बाद अधिशासी अधिकारी ने एसडीएम को पत्र लिखकर भूमि की पैमाइश कराने की मांग की। एसडीएम के आदेश पर राजस्व टीम ने सर्वे किया तो मौके पर 36 किसानों की भूमि मिली।
विधायक के हस्तक्षेप से राह हुई आसान :
विधायक गरिमा सिंह के प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह ने सप्ताह भर पहले किसानों से बात कर पुल का निरीक्षण किया था। जिलाधिकारी से बात कर विधायक प्रतिनिधि ने भूमि की पैमाइश कराकर चिह्नित कराने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग और राजस्व टीम हरकत में आई। विधायक ने किसानों को मुआवजा मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया है।
इनकी भी सुनिए :
एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि
लोक निर्माण विभाग के पत्र पर भूमि की पैमाइश कराई गई, जिन किसानों की भूमि पैमाइश में आई है। सभी की सूची विभाग को भेज दी गई है। अधिशासी अधिकारी लोक निर्माण विभाग राकेश चौधरी ने बताया कि पुल निर्माण कार्य के बाद पहुंच मार्ग निर्माण कार्य काफी दिनों से बाधित है। समस्या का निस्तारण के लिए एसडीएम को पत्र लिखा गया था। किसानों की सूची मांगी गई है। अगर किसान की भूमि है तो मुआवजे के लिए विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अभी सूची नहीं मिली है।
प्रतिनिधि, विधायक अमेठी अनंत विक्रम सिंह ने बताया कि विकास के साथ ही किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। पुल और मार्ग बनने से विकास होगा। किसान को भी उनका हक मिलेगा। जिलाधिकारी से बात की गई है, जिन किसानों की भूमि जा रही है। उन्हें मुआवजा मिलेगा। इसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा। किसी का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।
जगी मुआवजे की उम्मीद :
अपनी जमीन के बदले मुआवजे की मांग कर रहे किसानों में पैमाइश के बाद उम्मीद जगी है। किसान परमसुख ने कहा कि हम लोग मार्ग का निर्माण चाहते हैं। हमारी भूमि निर्माण कार्य में जा रही है। उसका मुआवजा भी चाहिए। सुरेंद्र कहते हैं कि एक वर्ष से शिकायती पत्र देकर मार्ग निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं। सरकार को भूमि के बदले मुआवजा देना चाहिए। रामचंद्र ने कहा कि मार्ग निर्माण होने से लाभ होगा। पुल सबके लिए है। लेकिन, हमारा उत्पीड़न न हो। शीतला प्रसाद कहते हैं कि हमारी भूमि का उचित मुआवजा देकर ही निर्माण कार्य शुरू हो।