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दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में 130 जिदगियों पर लगा ब्रेक

जिले में इस वर्ष अक्टूबर तक 213 मार्ग दुर्घटनाओं में गई 130 की जान जा चुकी है। दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र चिह्नित होने के बाद कुछ स्थलों पर नहीं सावधानी संकेतक।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 12:36 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 12:36 AM (IST)
दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में 130 जिदगियों पर लगा ब्रेक
दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में 130 जिदगियों पर लगा ब्रेक

पवन यादव, अमेठी

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जिले में दर्जन भर से अधिक दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र स्थल का चिन्हांकन किया गया है, जहां पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, कि मार्गों पर ये स्थल चिह्नित होने के बाद भी सावधानी संकेतों का उल्लेख न करना, जिसके चलते जनवरी से अक्तूबर माह तक जिले में कुल 213 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 130 लोगों की मौत व 105 लोग घायल हुए हैं।

तेज रफ्तार व घुमावदार रास्ते दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं। इनमें सबसे अधिक दुर्घटनाएं ठंड में कोहरे के दौरान घटती हैं, जिले में दुर्घटना के दर्जन से अधिक स्थल चयनित किए गए हैं। जहां, आए दिन घटनाएं होती रहती हैं। बावजूद इसके उन स्थलों पर न तो कोई साइन बोर्ड है, न स्पीड लिमिट और न ही रात व कोहरे के दौरान चमकदार रिफलेक्टर का प्रयोग किया गया है। जिसके कारण अनजान राहगीर आएं दिन घटना का शिकार हो रहे है।

पिछले दो वर्ष में कम हुई सड़क दुर्घटनाएं :

सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले दो वर्ष में मार्ग दुर्घटनाओं में कमी आई है। वर्ष 2018 में 367 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी, जिनमें 203 की मौत व 214 लोग घायल हुए थे। वर्ष 2019 में इसमें कमी हुई। कुल 291 दुर्घटनाओं में 165 लोगों की मौत व 177 लोग घायल हुए थे। इस वर्ष जनवरी से अक्तूबर माह तक 213 मार्ग दुर्घटनाओं में 130 लोगों की मृत्यु व 105 लोग घायल हुए है।

यातायात प्रभारी अजय सिंह तोमर ने बताया कि दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में साइन बोर्ड सहित स्पीड ब्रेकर आदि का प्रयोग किया गया है। रात के दौरान राहगीरों को दिक्कत न हो इसलिए सड़कों पर डेलीनेटर लगवाएं गए हैं, जो कि रिफलेक्टर का कार्य करते हैं। विभाग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है।

दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में कुछ ऐसे लगे होने चाहिए संकेतांक :

- सोलर ब्लिंकर का प्रयोग किया जाए।

- डेलीनेटर का प्रयोग होना चाहिए।

- स्पीड ब्रेकर व स्पीड लिमिट का बोर्ड लगा होना चाहिए।

- दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का संकेतक लगा होना चाहिए। जिले के अधिक दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र थानावार

थाना दुर्घटनास्थल

मुसाफिरखाना : कादूनाला व रुदौली पुल, मझगवां, नगेश्वर गंज तिराहा, हड़गड़वा मोड़।

जगदीशपुर : जामों बाइपास,उतेलवा मोड़ व तेतारपुर

कमरौली : कठौरा

शिवरतनगंज : इन्हौना

फुरसतगंज: ब्रम्हनी

मुंशीगंज : एचएएल कोरवा

जायस : बहादुरपुर

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