कचरा मुक्त होंगे गांव, लहलहाएंगी फसलें
927 ग्राम पंचायतों में कंपोस्ट पिट का निर्माण होगा। मनरेगा के तहत कार्य कराया जाएगा।
अंबेडकरनगर : कम लागत में फसलें लहलहाने के साथ गांव भी कचरा मुक्त होगा। जैविक खेती के जरिए इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। जिले के 927 ग्राम पंचायतों में कंपोस्ट पिट के लिए गड्ढे खोदे जाएंगे। इसमें गांव से निकलने वाले गीले और सूखे कूड़े को डाला जाएगा। खाद तैयार होने पर किसान इसका इस्तेमाल खेतों में कर सकेंगे। इससे जहां फसल उत्पादन की लागत में कमी आएगी वहीं, रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से लगातार क्षीण हो रही जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही गंदगी और संक्रमण से भी गांव मुक्त रहेगा।
खुलेंगे रोजगार के द्वार : प्रवासी श्रमिकों और मनरेगा मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिले के हर ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत कंपोस्ट पिट के गड्ढे खोदे जाएंगे। इसकी लंबाई-चौड़ाई और गहराई 10-10 फिट होगी। एक गड्ढे की खोदाई में प्रतिदिन छह मजदूरों को रोजगार मिलेगा। गांवों में तैनात सफाईकर्मी घरों से कचरा एकत्र कर इसे कंपोस्ट पिट में डालेगा। फिर सभी किसान आपसी सहमति से इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
घातक बीमारियों से मिलेगी निजात : बेहतर उपज लेने के लिए किसान रासायनिक खाद और कीटनाशक का अंधाधुंध प्रयोग करते हैं। इससे फसल की लागत बढ़ती है, वहीं इस अन्न को खाने से हार्ट अटैक, किडनी, आंख व त्वचा रोग जैसी घातक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। खेतों में जैविक खाद का प्रयोग कर किसान खुद के साथ औरों को भी इसके दुष्परिणाम से बचा सकेंगे।
मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा ने बताय कि घरों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए गांवों में कंपोस्ट पिट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। गांवों का कचरा इसमें डाला जाएगा। इससे गांव संक्रमण मुक्त होगा।
उपायुक्त मनरेगा राकेश प्रसाद ने बताया कि दस-दस फिट लंबाई-चौड़ाईऔर गहराई का एक-एक कंपोस्ट पिट मरनेगा योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में बनाया जाएगा। इसमें अकुशल मजदूरों को रोजगार मिलने के साथ ही गांव प्रदूषण मुक्त हो सकेगा।