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नमाजियों ने की मुल्क के अमन-चैन व कोरोना के समूलनाश की दुआ

प्रशासन की ओर से सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 10:00 PM (IST)
नमाजियों ने की मुल्क के अमन-चैन व कोरोना के समूलनाश की दुआ
नमाजियों ने की मुल्क के अमन-चैन व कोरोना के समूलनाश की दुआ

अंबेडकरनगर: माहे रमजान के अंतिम शुक्रवार जुम्मत-उल-विदा की नमाज कोरोना गाइड लाइन के पालन के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई। प्रशासन की ओर से सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था रही।

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अकबरपुर के विभिन्न मुहल्लों की लगभग 60 मस्जिदों में निर्धारित संख्या में नमाजियों ने जमाअत से नमाज अदा की और बारगाहे इलाही से मुल्क में अमन-चैन, खुशहाली और कोरोना महामारी के समूलनाश की दुआ मांगी। कोरोना संक्रमण काल के चलते इस बार बच्चों एवं उम्रदराज लोगों ने मस्जिद की अपेक्षा घर में ही नमाज पढ़ी।

मदीना मस्जिद शहजादपुर में नगर काजी व पेशइमाम हाफिज शकील अख्तर ने खुत्बे के दौरान कहा कि रमजान जहां भूखे लोगों की भूख का एहसास कराता है, वहीं स्वास्थ्य की ²ष्टि से यह अत्यधिक लाभप्रद है। जामा मस्जिद चौक शहजादपुर में पेश इमाम हाफिज कारी जावेद अहमद ने कहा कि रोजा-नमाज ईमान की ताजगी की जमानत है।

उन्होंने सदका, खैरात व गरीबों की मदद करने का आह्वान किया। मस्जिद ख्वाजा गरीब नवाज पेवाड़ा-मीरानपुर में पेशइमाम हाफिज नसीरुद्दीन अंसारी, मस्जिद लतीफिया कुरैशनगर में पेशइमाम हाफिज अकबर अली मिस्बाही, मस्जिद किला पुरानी तहसील में पेशइमाम हाफिज मुहम्मद शिबली, मस्जिद बाजार मीरानपुर में पेशइमाम कबीर अहमद अंसारी, मस्जिद अहिराना-मीरानपुर में पेशइमाम मौलाना नाजिम अली ने जुम्मत-उल-विदा की विशेष नमाज अदा कराई।

यहां नहीं पढ़ी गई नमाज: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शिया जामा मस्जिद मीरानपुर तथा मस्जिद कदम रसूल लोरपुर ताजन में रमजान के आखिरी जुमे की नमाज नहीं अदा हुई।

परंपरागत तरीके से मस्जिदों में नहीं हुई नमाज

जलालपुर: कोविड-19 की स़ख्त गाइडलाइन के चलते जुमा की नमाज परंपरागत तरीके से मस्जिदों में अदा नहीं हो सकी। शर्तों का कड़ाई से पालन कराने के लिए प्रभारी निरीक्षक मनीष सिंह दल बल के साथ सड़कों पर उतरे।

प्रमुख बाजार के सराय चौक, उर्दू बाजार, जमालपुर, उस्मानपुर, रामगढ़ रोड पर भ्रमणशील रहे। लोगों को घरों में रहकर नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित किया। सीओ केके शुक्ल ने बताया कि एक साथ केवल पांच लोगों को नमाज पढ़ने की छूट थी। नमाजियों ने सहयोग किया और घर में ही नमाज अदा की।


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