Move to Jagran APP

बेशुमार दौलत बटोर बसपा को खटक रहे थे लालजी वर्मा-रामअचल राजभर

बसपा सरकार में मंत्री रहते हुए बेशुमार दौलत बटोर लालजी वर्मा और रामअचल ने बेशुमार दौलत कमाई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 10:25 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 10:25 PM (IST)
बेशुमार दौलत बटोर बसपा को खटक रहे थे लालजी वर्मा-रामअचल राजभर
बेशुमार दौलत बटोर बसपा को खटक रहे थे लालजी वर्मा-रामअचल राजभर

अंबेडकरनगर: बसपा सरकार में मंत्री रहते हुए बेशुमार दौलत बटोर लालजी वर्मा और रामअचल राजभर पार्टी के लिए बोझ बन गए थे। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की लोकायुक्त के यहां शिकायत पर लालजी ने तो किसी तरह आरोप साबित होने से खुद को बचा लिया, लेकिन राम अचल फंस गए। लोकायुक्त की सिफारिश पर विजिलेंस की जांच में राम अचल राजभर के पास 1100 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति मिली। यह अलग बात है कि शासन से स्वीकृति नहीं मिल पाने के कारण उनके खिलाफ अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है। बसपा की साख को बट्टा लगने से दोनों नेता तभी से नेतृत्व के निशाने पर आ गए थे। इन दिनों में लालजी वर्मा के कई बार दूसरे दल में शामिल होने की चर्चा तेज रही। अब सियासी नफा-नुकसान देख बसपा ने पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बहाने दोनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

loksabha election banner

भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन की लहर में गठित यूथ अगेंस्ट करप्शन से जुड़े शहजादपुर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से वकील आनंद दुबे ने बसपा सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए रामअचल राजभर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा सन 2011 में लोकायुक्त के यहां शिकायत की थी। उन्होंने साक्ष्य के रूप में आरोपों से जुड़े कई दस्तावेज भी सौंपे थे। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद प्रथम²ष्ट्या आरोप सही मिलने पर सन 2013 में लोकायुक्त ने प्रदेश सरकार से सीबीआइ या विजिलेंस से जांच कराने की सिफारिश की थी। उस वक्त की सपा सरकार ने इसकी जांच विजिलेंस से कराने का निर्णय लिया और इस संबंध में 10 अप्रैल 2013 को अकबरपुर कोतवाली में पूर्व मंत्री रामअचल राजभर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया। विजिलेंस विभाग के फैजाबाद सेक्टर के तत्कालीन निरीक्षक सियाराम की तरफ से दर्ज कराए गए इस मुकदमे में रामअचल के परिवहन मंत्री रहते हुए सन 2007 से 2010 के बीच कुल 41 नामी-बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की बात कही गई है। सर्किल रेट के हिसाब से इसकी कीमत अरबों में आंकी गई थी। वर्षों चले जांच में आय से 1100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने की बात सामने आई थी। सपा सरकार के आखिरी के महीनों में विजिलेंस विभाग ने चार्जशीट दायर करने के लिए शासन से अनुमति मांगी, लेकिन आज तक इसे मंजूरी नहीं मिल सकी। पार्टी की साख को लगा बट्टा: मंत्री रहते हुए बेशुमार दौलत बटोरने के आरोपों के बाद से ही लालजी वर्मा और रामअचल राजभर को धीरे-धीरे पार्टी में हाशिए पर धकेला जाने लगा। 2012 में हार के बाद बसपा ने जहां रामअचल को 2013 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, वहीं आरोप पुख्ता होते 2017 में उन्हें पद से हटा दिया। इसके बाद उन्हें प्रदेश में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न देकर बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में जहां पार्टी का कोई विशेष प्रभाव नहीं है, वहां का प्रभारी बनाकर किनारे कर दिया गया था। इसी तरह पार्टी में अपनी राजनीतिक हैसियत कम होते देख लालजी वर्मा के सपा में जाने की सुगबुगाहट के बीच बसपा ने उनसे भी अपना पीछा छुड़ा लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.