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तीन बार के चुनावों में 15 विधायकों में महज एक ब्राह्मण

चुनाव में जाति पर ही जोर है। एक-एक वर्ग और समुदाय के वोट का हिसाब लगाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:49 PM (IST)
तीन बार के चुनावों में 15 विधायकों में महज एक ब्राह्मण
तीन बार के चुनावों में 15 विधायकों में महज एक ब्राह्मण

अंबेडकरनगर: चुनाव में जाति पर ही जोर है। एक-एक वर्ग और समुदाय के वोट का हिसाब लगा सियासी समीकरण बैठाया जा रहा है, लेकिन लोकतंत्र के इस महासमर में लोहिया की धरती अंबेडकरनगर में बाह्मण हाशिए पर हैं। 2007 से अब तक हुए तीन विधानसभा चुनावों में यहां की कुल पांच सीटों पर 15 विधायक चुने गए। इनमें 2017 के चुनाव में जलालपुर सीट से रितेश पांडेय को छोड़ कोई भी ब्राह्मण विधायक नहीं बन सका, जबकि गैर आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जिले में इनकी अच्छी खासी संख्या है। यह स्थिति लोकतंत्र में इस वर्ग की हिस्सेदारी को लेकर कई सवाल खड़े करती है।

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पांच विधानसभा क्षेत्रों में बंटे करीब 18 लाख मतदाताओं में कटेहरी, आलापुर और जलालपुर सीट पर ब्राह्मण निर्णायक स्थिति में हैं। भाजपा नेता कृष्ण कुमार मिश्रा दावे के साथ कहते हैं कि जिले में दलितों के बाद सबसे ज्यादा वोट ब्राह्मणों का है। कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या 40 से 45 हजार है तो आलापुर में 45 से 50 हजार। जलालपुर में सर्वाधिक 50 से 55 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं। वहीं, टांडा में 20 से 25 हजार तो अकबरपुर में 30 हजार से अधिक इनका वोट है। इसके उलट सियासी रूप से सबसे सबल कुर्मी बिरादरी के पूरे जिले में मुश्किल से डेढ़ लाख वोट हैं। नतीजों पर नजर डालें तो 2007 से अब तक के विधानसभा चुनावों में ब्राह्मण वर्ग से मात्र जलालपुर सीट से एक बार रितेश पांडेय विधायक चुने गए हैं, जबकि कुर्मी और दलित वर्ग से तीन-तीन प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे। राजनीति की जानकार और बीएन डिग्री कालेज की प्राचार्य डा. शुचिता पांडेय कहती हैं कि ब्राह्मणों में एकजुटता की कमी के साथ किसी एक मुद्दे पर आपसी सहमति न बन पाना इसका प्रमुख कारण है। वहीं, मध्यवर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली भाजपा जैसी पार्टियां भी इन्हें टिकट देने में हिचकिचाती हैं। इसके पीछे उनकी यह सोच रहती है कि उक्त वर्ग तो उनका परंपरागत मतदाता है ही, अन्य जाति के लोगों को टिकट देकर उसकी बिरादरी का अतिरिक्त वोट हासिल किया जा सकता है, लेकिन यह हर बार सही नहीं बैठता।

2017 में चुने गए विधायक

विधानसभा क्षेत्र विजेता

कटेहरी---- लालजी वर्मा

टांडा----संजू देवी

आलापुर (सु.)---अनीता कमल

जलालपुर---रितेश पांडेय

अकबरपुर-राम अचल राजभर 2012 के चुनावी नतीजे

कटेहरी-----शंखलाल मांझी

टांडा---- अजीमुल हक पहलवान

आलापुर (सु.)---- भीम प्रसाद सोनकर

जलालपुर----शेरबहादुर सिंह

अकबरपुर---राम मूर्ति वर्मा 2007 में बने विधायक

कटेहरी---धर्मराज निषाद

अकबरपुर--- राम अचल राजभर

जलालपुर---शेरबहादुर सिंह

जहांगीरगंज (अब आलापुर)-

-त्रिभुवन दत्त

टांडा---लालजी वर्मा


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