उधार रकम वापस मांगने पर दोस्त बन गया हत्यारा
परिवारजनों के चुपके अटूट विश्वास कर दिया रुपया.दो बीघा भूमि बेचने पर रामबहोर को मिली थी रकम.
अंबेडकरनगर : अकबरपुर कोतवाली के गांव मोहनपुर गिरंट निवासी राम बहोर वर्मा को उधार दिया गया पैसा मांगना महंगा पड़ गया। इसकी कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी। यह उसके परिवार के लिए घातक साबित हुई। उसने यह सोचा नहीं था कि घर वालों के चुपके से जिस दोस्त के एक बार कहने पर अटूट विश्वास करते हुए उसे लाखों रुपया बेहिचक उधार दे रहा है, वही उसके लिए काल बन जाएगा। यही कहानी राम बहोर वर्मा हत्याकांड में उभर कर सामने आई है। हालांकि पुलिस ने घटना की तस्वीर साफ होते आरोपितों की तलाश में संभावित स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश तेज कर दी है। राम बहोर ने कुछ माह पहले अपना दो बीघा खेत गांव के ही एक व्यक्ति के हाथ बेचा था। खेत के एवज में मिले लाखों रुपए पर उसके ही मित्र ओमप्रकाश की नजर थी। परिवारीजनों के मुताबिक आरोपित ने उसे बहलाकर उधार के नाम पर करीब 12 लाख रुपया ले लिया। उसने इससे बोलेरो जीप, बाइक आदि खरीदने लगा। तत्समय के बाद राम बहोर ने अपना पैसा मांगने लगे तो विभिन्न बहानों से उसे टरकाने लगा। इससे दोनों के बीच एक माह पहले कहासुनी भी हुई। तभी से ओमप्रकाश ने उसकी हत्या की योजना बनाने लगा। बुधवार को उस समय ज्यादा बिगड़ गई, जब पैसे को लेकर दोनों के बीच मामला हंगामे के साथ सार्वजनिक हो गया। इससे क्षुब्ध आरोपित ओमप्रकाश यादव ने अपने साथियों के साथ बांके से बिस्तर पर सोते समय सिर को काट धड़ से अलग कर मौत के घाट उतार दिया।