आजमगढ़ से आई देशी शराब के जाम ने मचाया कोहराम
अवैध रूप से संचालित उप दुकानों पर धड़ल्ले से देशी शराब बिक रही। आबकारी और पुलिस विभाग की शिथिलता भारी पड़ गई।
अरविद सिंह, अंबेडकरनगर
पड़ोसी जनपद आजमगढ़ के मित्तूपुर से पहुंची पावर हाउस ब्रांड की देशी शराब ने अंबेडकरनगर में मौत का तांडव मचा दिया। बीते रविवार से मंगलवार तक तकरीबन दर्जनभर गांवों में एक के बाद एक 16 लोगों की मौत से हड़कंप है। डर और मातम के बीच गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। शादी की खुशियों में शराब ने जहर घोल दिया। पुलिस व आबकारी विभाग की शिथिलता आखिरकार भारी पड़ गई। अयोध्या जनपद में गत दिनों हुई ऐसी ही घटना से सबक नहीं लिया गया। अपर जिलाधिकारी डा. पंकज वर्मा ने बताया कि कुछ लोगों की शराब पीने से मौत होना लग रहा है। इसकी जांच कराई जा रही है। वहीं, कई की मौत के पीछे कोरोना संक्रमण, सांस फूलने व सदमे आदि से मौत होने की जानकारी मिल रही है।
शादी की खुशियों पर शराब का ग्रहण :
जलालपुर तहसील के बैरागल गांव से अकबरपुर तहसील के बूढ़नपुर गांव में आई बरात की खुशियों पर शराब का ऐसा ग्रहण लगा कि कई परिवारों को जीवनभर का जख्म दे गया। बैंड-बाजा वालों से लेकर बरातियों और रिश्तेदारों की लाशों को उठाते हाथ थक गए और मौत का तांडव देख कलेजा काठ हो गया। मखदूमपुर, पेठिया, शिवपाल, चौहदप्रास, सोहगूपुर, कुलहियापट्टी, करमिसिरपुर ही नहीं पड़ोसी जनपदों में भी शराब से मौत का साया पसर गया। गत आठ मई को हुई शादी की खुशी में दूल्हे महेश चौहान ने जहरीली शराब का सेवन किया था, जिसकी सोमवार को मौत हो गई। दुल्हन के हाथों की मेहंदी हल्की भी नहीं पड़ी और उसका सुहाग उजड़ गया।
यहां भी बिक रहा था पावर हाउस ब्रांड :
देशी शराब के पावर हाउस ब्रांड की आपूर्ति अंबेडकरनगर व आसपास के जिलों में होती है। जिला आबकारी अधिकारी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह देशी शराब आजमगढ़ जिले के मित्तूपुर से लाई गई थी। शिवपाल गांव निवासी सोनू चौबे यह शराब लेकर आया था और उसकी भी शराब पीने से मौत हो गई। आबकारी अधिकारी के मुताबिक शराब पीने से शिवपाल और सिधौरा गांव में पांच लोगों के मौत होने की पुष्टि हो रही है। वहीं, अन्य की मौत कोरोना संक्रमण व हृदयघात आदि बीमारियों से हुई हैं।
शराब की उप दुकानों पर नहीं लगाम :
लाइसेंसी पर एक दुकान की आड़ में तीन-चार अवैध उप दुकानों का संचालन जिलेभर में किया जा रहा है। पुलिस और आबकारी विभाग के निरीक्षकों को इसकी जानकारी है। दरअसल, इन दुकानों के माध्यम से मोटी कमाई होने से अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं। अकबरपुर तथा जलालपुर तहसील क्षेत्र में ऐसी उप दुकानें धड़ल्ले से संचालित होती हैं। कुछ साल पहले यहां अवैध शराब बिक्री को लेकर हत्या भी हुई थी।