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सर्पदंश पीड़ित बालक को दौड़ाते रहे जिम्मेदार

अंबेडकरनगर : सरकार के लाख दावों के बावजूद जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था में

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 09:28 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 09:28 PM (IST)
सर्पदंश पीड़ित बालक को दौड़ाते रहे जिम्मेदार
सर्पदंश पीड़ित बालक को दौड़ाते रहे जिम्मेदार

अंबेडकरनगर : सरकार के लाख दावों के बावजूद जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। सर्पदंश का शिकार हुए बच्चे को भी जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज तक दौड़ाते रहे। लगभग साढ़े चार घंटे बाद बात सीएमएस तक पहुंची तो उनकी पहल पर पीड़ित बच्चे को जिला अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत में अब सुधार हो रहा है। जिम्मेदारों की उदासीनता की यह घटना मंगलवार की सुबह जिला अस्पताल से शुरू हुई। इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गौहनिया निवासी परवेज अहमद के नौ वर्षीय पुत्र फुरकान अहमद को सर्प ने डस लिया, जिसे लेकर परिजन सुबह लगभग दस बजे आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल में प्रारंभिक उपचार मसलन एक इंजेक्शन व एक ग्लूकोजक की बोतल लगाकर यह कहते हुए भेज दिया गया कि यहां डॉक्टर नहीं हैं। बच्चे को लेकर मेडिकल कॉलेज जाइए। परिजन जब मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो बच्चे को पहले मेडिसिन विभाग में दिखाया गया, जहां से डॉक्टर ने बाल रोग विभाग रेफर कर दिया और जब परिजन बाल रोग विभाग पहुंचे तो वहां मौजूद डॉक्टर ने इलाज की सुविधा न होने के कारण बच्चे को भर्ती करने से इंकार कर दिया। परिजन इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। डॉक्टरों के इंकार के बाद निराश परिजन हाथ में ग्लूकोज की बोतल लटकाए महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज परिसर में ही झाड़ फूंक शुरू करा दिया। बच्चे की तबियत बिगड़ती देख मौके पर कुछ लोगों ने किसी निजी चिकित्सक के यहां दिखाने की सलाह दी और कुछ समय बाद परिजन बच्चे को लेकर चले गए। बाद में फिर परिजन बच्चे की हालत बिगड़ने पर जिला चिकित्सालय वापस लौट आए। यहां सीएमएस डॉ. पीएन यादव से मिले। पूरी बात सुनने के बाद सीएमएस ने स्वयं बच्चे को भर्ती कराकर उपचार शुरू कराया। अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पीड़ित बच्चे को बाहर भेजने की बात से अनभिज्ञता जताते हुए सीएमएस ने कहा कि जब उन्हें जानकारी हुई तत्काल बच्चे को भर्ती कराकर इलाज किया जा रहा है।

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ईएमओ न होने की वजह से यहां इमरजेंसी अधिकृत रूप से नहीं चल रही है। इसलिए वैक्सीन यहां नहीं आती। ऐसे में यहां इलाज संभव नहीं है।

डॉ. राजेश्वर यादव

चिकित्सा अधीक्षक

महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज

अंबेडकरनगर


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