ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे प्रेशर हॉर्न
अंबेडकरनगर : वाहनों में नियम विपरीत प्रेसर हॉर्न लगाना फैशन बन गया है। न्यू मॉडल की बुल
अंबेडकरनगर : वाहनों में नियम विपरीत प्रेसर हॉर्न लगाना फैशन बन गया है। न्यू मॉडल की बुलेट मोटर साइकिल में लगे साइलेंसर को खोलकर पुराने मॉडल का कान फोड़ू साइलेंसर लगाकर मोटर साइकिल चलाना आदत बनती जा रही है। उच्च न्यायालय से लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय तक दर्जनों शासनादेश जारी कर चुका है। सड़कों के किनारे और सरकारी कार्यालयों में प्रचार-प्रसार के लिए बोर्ड भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद प्रेसर हॉर्न लगाने का क्रेज कम नहीं हो रहा है। ऐसे हॉर्न प्रेसर लगे वाहनों को पुलिस व परिवहन विभाग चालान कर जुर्माना काट छोड़ देता है। इतना ही नहीं सड़क पर रोजाना दौड़ने वाले भारी व कॉमर्शियल वाहन संचालकों द्वारा खुद के मनोरंजन, गीत सुनने के लिए तेज आवाज वाले स्पीकरों का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। इसकी आवाज से आम लोगों को परेशानी तो हो ही रही है, अक्सर लोग दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने की दिशा में जिम्मेदार पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। वर्तमान में गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्राली और बड़े ट्रालों के चालक भी तेज आवाज में गाना बजाते हुए सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं।-----------------
प्रेसर हॉर्न, डीजे का साउंड व मोटर साइकिलों में लगाए जा रहे साइलेंसर की तेज आवाज से जहां ध्वनि प्रदूषण से कान खराब होना, काम में बाधा, नींद प्रभावित होना, मानसिक बीमारी और ब्लड प्रेसर आदि रोग उत्पन्न होता है। यातायात, शोरगुल के साथ अन्य कारणों से साइकोलॉजिकल और कार्डियोवस्कुलर नामक बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो जाता है।
ईश्वर चंद्र
प्रवक्ता, मनोविज्ञान
बाबा बरुआ दास इंटर कॉलेज परुइया आश्रम- ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले प्रेशर हॉर्न और आवाज वाले साइलेंसर का प्रयोग नियम विरुद्ध है। इसके लिए नियमित जांच के दौरान ऐसे वाहन चालकों को हिदायत देने के साथ उनसे जुर्माना भी वसूला जाता है। इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं।
कैलाशनाथ ¨सह
उपसंभागीय परिवहन अधिकारी