सुबह अस्पताल में लटका मिला ताला
अंबेडकरनगर : भवन है, सुविधा है, प्रचुर मात्रा में दवाएं और डॉक्टर भी हैं। फिलहाल यह सब
अंबेडकरनगर : भवन है, सुविधा है, प्रचुर मात्रा में दवाएं और डॉक्टर भी हैं। फिलहाल यह सब कागजी रिकार्डों में ही मिलेगा। धरातल पर देखने की कोशिश की तो मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। बात नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव कुसमा की हो रही है। यहां चिकित्सक की तैनाती दिखावे के लिए कर ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा पर लगा दिया जाता है। दो अस्पतालों की दौड़ के बहाने साहब को मनमानी का खूब मौका दिया जाता है। उधर मरीज बेचारे उनके आने के इंतजार में पीड़ा सहते हैं। इस हाल में अस्पताल की कमान संभाल फार्मासिस्ट ही मरीजों को परामर्श और दवा देता है। परिसर में बना प्रसूति भवन निष्प्रयोज्य पड़ा है। एनएम का पद रिक्त है, सिर्फ भवन ही बना है, यह भी निष्प्रयोज्य है। तीन शैय्या के अस्पताल में कुल पांच पद सृजित है। जिनमें एक चिकिसाधिकारी डॉ. एसपी गौड़, स्वीपर एखलाक अहमद, एलटी रामचंद्र मौर्य, फार्मासिस्ट राकेश कुमार तथा संविदा पर डॉ. शर्बत शबीह अंसारी हैं। चहारदीवारी गिर चुकी है। मंगलवार को सुबह सवा दस बजे अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला लटका था। चहारदीवारी टूटी होने से कुछ मरीज अस्पताल पहुंचकर इधर-उधर भटक रहे थे। फार्मासिस्ट राकेश कुमार चौधरी 10.20 बजे अस्पताल पहुंचे और ताला खोला। अस्पताल में सफाई व्यवस्था ध्वस्त ही नजर आया। हड्डी का दर्द लेकर मरीज श्याम पियारी 10 बजे ही अस्पताल पहुंची थीं। मनोज कुमार, अरुण कुमार ने बताया कि डॉक्टर साहब बहुत कम ही आते हैं। डॉ. एसपी गौड़ छुट्टी पर चले गए हैं। संविदा डॉ. शर्बत शबीह अंसारी को समय से अस्पताल पहुंचने चाहिए। जितनी विभाग की व्यवस्था है उससे काम चलाया जाता है। टीकाकरण का समय चलने की वजह से डाक्टरों को सीएचसी टांडा भी बुलाना पड़ता है।
डॉ. जयप्रकाश
अधीक्षक, टांडा