पीएम आवास योजना शहरी में 18 अपात्रों को दिया लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना का गरीबों को लाभ देने में डूडा के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपात्रों को आवास दे दिए।
अंबेडकरनगर: प्रधानमंत्री आवास योजना का गरीबों को लाभ देने में डूडा के अधिकारियों व कर्मचारियों ने व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की है। पात्रता और अपात्रता तय करने में सफेदा लगाकर खेल किया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित टीमों ने जांच के दौरान यह खेल पकड़ा है। तीन नगरीय निकायों में 18 अपात्रों को पात्र बनाने और इसमें से आठ पात्रों को धनराशि निर्गत करने के अलावा पांच पात्रों को अपात्र बनाते हुए लाभ से वंचित करने का मामला सामने आया। अधिकारियों की जांच आख्या के आधार पर मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा ने कार्रवाई की संस्तुति करते हुए डीएम सैमुअल पाल को रिपोर्ट भेजी है। वहीं दो नगर पालिका जलालपुर और नगर पंचायत इल्तिफातगंज में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। फिलहाल सफेदा लगाकर लाभार्थियों की पात्रता और अपात्रता को बदलने की ही जांच हुई है। असलियत में सभी आवासों के पात्रों की जांच होने पर गड़बड़ी और होने की आशंका जताई जा रही है। इससे इतर तमाम नाम में भिन्नता मिली है।
नगरपालिका टांडा में डीआरडीए के परियोजना निदेशक प्रदीप कुमार पांडेय ने जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी शशांक सिंह के साथ महज 29 लाभार्थियों की जांच की। इसमें 12 लाभार्थियों की पात्रता तथा अपात्रता तय करने में सफेदा लगा परिवर्तन किया जाना पाया गया। इसमें पांच अपात्रों को पात्र बनाए जाने की गड़बड़ी पकड़ी गई। इसमें से तीन अपात्रों को आवास निर्माण की धनराशि भी सौंप दी गई है। इससे इतर दो पात्रों को अपात्र बनाकर लाभ से वंचित किए जाने का मामला भी पकड़ में आया।
नगरपंचायत अशरफपुर किछौछा में जिला समाज कल्याण अधिकारी आरके चौरसिया और बीडीओ सविता सिंह ने जांच में तीन पात्रों को अपात्र बनाकर लाभ से वंचित किया जाना और 10 अपात्रों को पात्र बनाया जाना पाया गया। इसमें पांच अपात्रों को तो आवास निर्माण की धनराशि भी निर्गत कर दी गई है।
नगरपालिका अकबरपुर में मनरेगा उपायुक्त राकेश प्रसाद और बीडीओ अनुराग सिंह ने 320 लाभार्थियों की जांच की। इसमें तीन अपात्रों को पात्र बनाने का मामला पकड़ में आया है। हालांकि इन्हें अभी आवास निर्माण की धनराशि नहीं दी गई है।