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शिक्षण कार्य बंद तो मानदेय देने से खड़े किए हाथ

थान से प्रतिमाह मिलने वाले 27 हजार 500 रुपये मानदेय से मकान के किराए दो बच्चों पत्नी परिवार का रोजमर्रा का खर्च आसानी से चल जाता था। लॉकडाउन होने के

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 10:28 PM (IST)
शिक्षण कार्य बंद तो मानदेय देने से खड़े किए हाथ
शिक्षण कार्य बंद तो मानदेय देने से खड़े किए हाथ

अंबेडकरनगर : नगर से सटे पियारेपुर खास के रहने वाले रमेश चंद गुप्त सीबीएसई से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के एक गैर सहायता वाले शिक्षण संस्थान में रसायन विज्ञान प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। संस्थान से प्रतिमाह मिलने वाले 27 हजार 500 रुपये मानदेय से मकान के किराए, दो बच्चों पत्नी, परिवार का रोजमर्रा का खर्च आसानी से चल जाता था।

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लॉकडाउन होने के बाद संस्थान में शिक्षण कार्य बंद हो गया। संस्थान ने मानदेय देने से हाथ खड़े कर दिए। प्रबंधक और प्रधानाचार्य से बात करने पर संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर रमेश चंद गुप्त ने जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक का दरवाजा खटखटाया। राहत न मिलने पर सीबीएसई को भी ई-मेल किया। यहां से कोई राहत नहीं मिली। सीएम पोर्टल पर शिकायत करने पर श्रम विभाग ने कह दिया कि आप श्रमिक नहीं है। यह व्यथा अकेले रमेश चंद गुप्त की ही नहीं है। रोहित मिश्र, आनंद आदि कई शिक्षक और कई संस्थान भी है।


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