होटल-रेस्टोरेट गुलजार, बुकिग को नहीं मिली रफ्तार
परिवार और मित्रों-रिश्तेदारों के साथ बैठकर लोग भोजन का लुत्फ उठा रहे।
अंबेडकरनगर : कोरोना संक्रमण से बेहाल होटल-रेस्टोरेट उद्योग में अब रवानगी आ रही है। लोग परिवार और मित्रों-रिश्तेदारों के साथ बैठकर नाश्ते से लेकर व्यंजन तक का लुत्फ उठा रहे हैं। आर्डर भी मिल रहे हैं। लेकिन, कमरों की बुकिग की रफ्तार अभी काफी धीमी है। हालांकि अगले महीने से वैवाहिक कार्यक्रम शुरू होने पर होटल उद्योग को गति मिलने की उम्मीद है। होटल व्यवसायी बताते हैं कि कोरोना काल शुरू होने से पहले अप्रैल-मई में पड़ने वाली जिन शादियों की बुकिग की गई थी, उनमें से ज्यादातर अब अक्टूबर-नवंबर में होनी हैं। ऐसे में धीरे-धीरे बुकिग शुरू हुई है लेकिन, इसे रफ्तार मिलना बाकी है।
सागर संगवानी, मयूर रिसॉर्ट, शहजादपुर ने बताया कि मैरिज हॉल पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर पड़ा। शादी के कार्यक्रम स्थगित हो गए। बुकिग के लिए जो पैसे एडवांस में लिए गए थे, आयोजकों ने वापस ले लिए। छह माह तक होटल बंद रहने से यहां काम करने वाले कर्मचारियों-मजदूरों से लेकर खुद की हालत पतली हो गई। अब सहालग का सीजन नजदीक है। धीरे-धीरे उद्योग पटरी पर लौट रहा है।
विनोद यादव, कृष्णा होटल अकबरपुर ने बताया कि होटल में इस माह से ग्राहक आना शुरू हुए हैं। खान-पान व्यवसाय के कारण लोग संक्रमण से डरते रहे। सभी जगह छूट मिलने और संक्रमण की रफ्तार कम होने से लोगों में विश्वास बढ़ा है, जो कि होटलों में खाने-पीने के लिए आ रहे हैं।
विनोदचंद्र मिश्र, स्वप्निल होटल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद होटल व रेस्टोरेट बंद होने से इससे जुड़े कारीगारों व मजूदरों को घर लौटना पड़ा। कई की नौकरी भी चली गई। पहले जितनी रफ्तार से रेस्टोरेंट अभी भी नहीं चल पा रहा है। दिन भर में औसतन 10 से 20 ग्राहक ही आ रहे हैं। उम्मीद है कि पहले की भांति यह व्यवसाय तेजी पड़ेगा।
दीपक तिवारी, होटल ग्रांड विनायक, रघुराजीपुरम, अकबरपुर ने बताया कि होटल व रेस्टोरेंट के अलावा मैरिज लॉन के व्यवसाय को अपेक्षाकृत गति नहीं मिल पा रही है। गर्मी में जो शादियां थीं, वही अब इस मौसम में आ गई हैं। अभी नई बुकिग बहुत कम हो रही है। अब तक सबसे कम 70 और सबसे ज्यादा 90 लोगों के शादियों में शामिल होने की अनुमति वाली बुकिग तीन से चार हुई हैं।