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निकायों में सामाजिक क्षेत्रों से नहीं मनोनीत हुए सदस्य

नगरीय निकायों में चुनाव हुए दो साल का वक्त बीत चुका है। इसके बाद भी संवैधानिक तौर पर निकायों की कमेटी में सामाजिक क्षेत्रों से सदस्यों का मनोनयन जनपद की किसी भी निकाय में नहीं किया गया है। नगरपालिकाओं में पांच-पांच व नगरपंचायतों में तीन-तीन सदस्यों का मनोनयन किया जाना है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:39 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:06 AM (IST)
निकायों में सामाजिक क्षेत्रों से नहीं मनोनीत हुए सदस्य
निकायों में सामाजिक क्षेत्रों से नहीं मनोनीत हुए सदस्य

अंबेडकरनगर : नगरीय निकायों में चुनाव हुए दो साल बीत चुके हैं। संवैधानिक तौर पर निकायों की कमेटी में सामाजिक क्षेत्रों से सदस्यों का मनोनयन जनपद की किसी भी निकाय में नहीं किया गया है। नगरपालिकाओं में पांच-पांच व नगर पंचायतों में तीन-तीन सदस्यों का मनोनयन किया जाना है। जिले में कुल तीन नगरपालिका अकबरपुर, जलालपुर और टांडा के अलावा नगर पंचायत में इल्तिफातगंज व अशरफपुर किछौछा में दो साल बाद भी मनोनयन की प्रक्रिया अधूरी है। सत्तारूढ़ दल के जिलाध्यक्ष के प्रस्ताव पर सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय लोगों का मनोनयन संवैधानिक तौर पर किया जाता है। ये सदस्य विकास कार्यो व बैठक में प्रतिभाग कर प्रस्ताव देने में सक्षम होते हैं। मनोनीत सभासद का चयन शासन स्तर पर राज्यपाल के अनुमोदन के बाद होता है। निकायों में मनोनीत सदस्य चयनित सदस्यों के साथ विकास कार्य में सहयोग करते हैं। दो वर्ष से अधिक का कार्यकाल बीतने के बाद भी शासन स्तर पर चयन प्रक्रिया नहीं शुरू हो सकी। इससे सामाजिक क्षेत्रों से सरोकार रखते हुए विकास कार्य की गति धीमी पड़ी हुई है।

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