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नेताजी की टोपी, गमछा व खानपान-जलपान का होगा हिसाब

अरविद सिंह अंबेडकरनगर विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने वाले नेताजी को 40 लाख रुपये की

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:38 PM (IST)
नेताजी की टोपी, गमछा व खानपान-जलपान का होगा हिसाब
नेताजी की टोपी, गमछा व खानपान-जलपान का होगा हिसाब

अरविद सिंह, अंबेडकरनगर : विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने वाले नेताजी को 40 लाख रुपये की सीमा में अपना चुनावी खर्च सीमित रखना होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च में इजाफा करते हुए इस बार यह सीमा तय की है। नामांकन करने के बाद से आयोग के पहरेदार उम्मीदवार के पीछे लग जाएंगे। नेताजी की टोपी और गमछे से लेकर खानपान व जलपान, स्वागत और समारोह समेत इनके छोटे-बड़े समस्त खर्चों पर आयोग की नजर होगी और इसका हिसाब रखा जाएगा। चुनाव में हर खर्चे पर एक-एक रुपये तक का हिसाब होगा। प्रत्याशियों को खुद के खर्च को आयोग के नामित अधिकारियों को बताना होगा। चुनाव खर्च पर पैनी नजर: चुनावी खर्च में गुलाब का फूल 150 रुपये किलो, गेंदा फूल 70 रुपये किलो, फूल माला 25 से 40 रुपये, गजरा 120 से 150 रुपये, विशालकाय फूल माला 700 से 1200 रुपये जोड़ा जाएगा। बैनर, पोस्टर के अलावा फर्नीचर, स्टेशनरी के नाम पर कापी, कलम, गोंद, पेपर पिन, स्टेपलर, रबर और माचिस तक का हिसाब रखा जाएगा। 1100 से 1700 रुपये तक प्रतिदिन के हिसाब से बसों का किराया तय है। चुनाव कार्यालय पर काम करने वाले कंप्यूटर आपरेटर और मजदूरों का खर्च भी जोड़ा जाएगा। पंडाल, गेट, लाइट आदि का भी खर्च आयोग ने निर्धारित किया है। भोजन व जलपान पर खर्च : चुनाव में नेताजी और उनके समर्थकों के भोजन व जलपान पर भी आयोग नजर रखेगा। समोसा आठ रुपये, ब्रेड पकौड़ा 10 रुपये, लड्डू आठ रुपये व चाय आठ रुपये की होगी। लंच पैकेट 65 रुपये, भोजन पैकेट 150 रुपये, पानी बोतल 20 रुपये दर्ज होगी। होटलों में ठहरने का खर्च 700 से 2700 रुपये तक जोड़ा जाएगा। टोपी और गमछे तक का हिसाब : नेताजी की टोपी चार रुपये और गमछा पांच रुपये का होगा। बड़ा गमछा 12 और पट्टी तीन रुपये की होगी। कपड़े का झंडा चार से 15 रुपये तक होगा।

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विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का निर्धारण आयोग ने किया है। 40 लाख रुपये की सीमा तय हुई है। चुनाव में खान-पान, जलपान, प्रचार, आयोजन व सजावट से लेकर सुविधा और संसाधनों समेत छोटे-बड़े प्रत्येक खर्च की दर तय है। इसके अनुसार निगरानी करते हुए चुनावी खर्च का आकलन किया जाएगा।

जगरोपन राम, चुनाव व्यय लेखा प्रभारी


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