शीशे पर काली फिल्म लगाए वाहन चुनाव में खतरे की घंटी
भीटी (अंबेडकरनगर) शीशे पर काली फिल्म लगाए वाहन विधानसभा चुनाव में खतरे की घंटी है। ि
भीटी (अंबेडकरनगर): शीशे पर काली फिल्म लगाए वाहन विधानसभा चुनाव में खतरे की घंटी है। जिला मुख्यालय से ग्रामीणांचल तक ऐसे वाहन फर्राटा भर रहे हैं। ये कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं।
नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी:
चुनाव की सरगर्मी बढ़ने के साथ विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे वाहन फर्राटा भरने लगे हैं। काली फिल्म वाले वाहनों में कौन बैठा है, इसमें क्या लदा है, चालक ने सीट बेल्ट पहनी है कि नहीं, आदि का पता नहीं चल पाता। अपराधी अक्सर इसका फायदा उठाकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर निकल जाते हैं। उनकी पहचान भी नहीं हो पाती है। चुनाव प्रभावित करने के लिए एंबुलेंस और अवैध सरकारी बोर्ड लगे काली फिल्म वाले वाहनों के सहारे शराब तस्करी की जाती है। ऐसे में पुलिस इन्हें इमरजेंसी वाहन समझकर रोकने से कतराती है। पहले भी आपराधिक गतिविधियों में प्रयुक्त होने वाले वाहनों के शीशे में काली फिल्म का इस्तेमाल अपराधियों द्वारा की गई घटना किसी से छिपी नहीं है। पुलिस रिकार्ड भी इसकी पुष्टि करते हैं। ट्रैफिक पुलिस को आधुनिक संसाधनों से लैस करने की योजना भी धरी रह गई है। इसका मकसद दूर से ही उनकी पहचान करने की रही है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे वाहनों का उपयोग चुनाव में मतदाताओं को बांटने के लिए कपड़े, रुपये व शराब के अलावा अवैध असलहों की आपूर्ति के लिए किया जाता है। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि चेकिग करने के दौरान ऐसे वाहनों पर विशेष निगरानी की जाती है। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।