कमल से जलालपुर को महकाने को तैयार हुए सुभाष
रामानुज मिश्र अंबेडकरनगर ऐन वक्त पर सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने के विधायक सुभाष राय
रामानुज मिश्र, अंबेडकरनगर: ऐन वक्त पर सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने के विधायक सुभाष राय के दांव से सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। खासकर, धनबल और बाहुबल के दम पर जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने का ख्वाब देख रहे लोगों में खूब खलबली है। हालांकि, उनके इस कदम से भाजपा से टिकट मिलने की आस संजोए पुराने कार्यकर्ताओं में काफी मायूसी भी है, लेकिन पार्टी का दावा है कि चुनाव में कमल का खिलना तय है।
सपा से टिकट न मिलते देख सोमवार को दिल्ली में भाजपा की सदस्यता लेने वाले जलालपुर विधायक सुभाष राय ने नब्बे के दशक में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। राज्य स्तरीय पहलवान सुभाष शुरुआत में भाजपा से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे। इसके बाद 2002 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और जलालपुर से विधायकी का चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। कुछ सालों तक कांग्रेस में रहने के बाद 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए। सन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जलालपुर सीट से बसपा से विधायक बने रितेश पांडेय के 2019 में सांसद चुने जाने से यह सीट खाली हुई तो यहां मध्यावधि चुनाव हुआ। 2017 के चुनाव में जिले की सभी पांचों सीटों पर हार का स्वाद चखने वाली सपा ने यहां से मध्यावधि चुनाव में सुभाष राय को उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने बसपा से प्रत्याशी पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को शिकस्त देकर जीत पार्टी की झोली में डाली। इस बार सपा से उन्हें टिकट न मिलने की अटकलों से भाजपा में उनके जाने की सुगबुगाहट महीनों से चल रही थी। हाल में बसपा को त्याग सपा में आए पूर्व सांसद राकेश पांडेय के जलालपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच उनके सामने कोई मजबूत शख्सियत न होने से मैदान खाली दिख रहा था, लेकिन अब भाजपा से सुभाष राय के आने से स्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं।
भाजपाइयों ने किया स्वागत: भाजपा जिलाध्यक्ष डा. मिथिलेश त्रिपाठी ने कहा कि विधायक सुभाष राय काफी सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। आम से लेकर समाज के सबसे गरीब तबके तक उनकी अच्छी खासी पकड़ है। विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
टिकट मिलना तय: सूत्रों का कहना है कि सुभाष राय को जलालपुर से भाजपा का टिकट मिलना तय है। वह इसी शर्त पर सपा छोड़ पार्टी में शामिल हुए हैं, ऐसे में जलालपुर में मुकाबला बेहद रोचक होने के आसार हैं। सपा ने जताई हैरानी: सपा के जिला उपाध्यक्ष डा. अभिषेक सिंह ने कहा कि पार्टी ने सुभाष राय को बहुत कुछ दिया। उन्हें विधायक बनने का मौका दिया, लेकिन ऐन वक्त पर साथ छोड़ दिया। मूल्यपरक राजनीति के लिए यह ठीक नहीं है।