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घाघरा नदी के घटते जलस्तर से कटान की समस्या बढ़ी

बीते दिनों आबादी के किनारे मौजूद कई पेड़ बह गए थे। नदी का पानी मकानों के काफी करीब पहुंच गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 12:37 AM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 12:37 AM (IST)
घाघरा नदी के घटते जलस्तर से कटान की समस्या बढ़ी
घाघरा नदी के घटते जलस्तर से कटान की समस्या बढ़ी

अंबेडकरनगर : घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 92.730 मीटर से सात सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। 24 घंटे से अधिक समय तक स्थिर रहा जलस्तर शुक्रवार देर सायं घटने लगा। आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से घाघरा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई।

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शनिवार सुबह 10 बजे तक जलस्तर घटने के बाद खतरे के लाल निशान से सात सेंटीमीटर नीचे पहुंचकर स्थिर हो गया। इससे बाढ़ का खतरा टल गया, लेकिन कटान की समस्या उत्पन्न हो गई है। नदी के पानी के बहाव के एकतरफा होने के चलते ऐसा हो रहा है। इल्तिफातगंज कस्बे के करीब सलारगढ़ में मांझी समाज की आबादी के करीब पानी पहुंचने के बाद से ही यहां नदी कटान कर रही है। इससे बीते दिनों आबादी के किनारे मौजूद कई पेड़ बह गए थे। नदी का पानी मकानों के काफी करीब पहुंच गया। उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक के निर्देश पर बाढ़ खंड के सहायक अभियंता पीयूष कुमार गौड़ के साथ पहुंचे अधिशासी अभियंता शशिकांत प्रसाद ने गांव के किनारे अलग-अलग स्थानों पर कटान की जानकारी ली थी। कटान रोकने के लिए ठोकर आदि बनाए जाने की रूपरेखा तैयार की गई थी। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता पीयूष कुमार गौड़ ने बताया कि मल्हारगढ़ में कटान रोकने के लिए समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। अभी किसी प्रकार की समस्या नहीं है।

विसुही नदी के अताउल्ला नाऊपुर घाट पर बना ह्यूम पाइप पुल डूबा

भीटी : कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के विसुही नदी पर अताउल्ला नाऊपुर घाट पर बना ह्यूम पाइप पुल पानी में डूब गया है। इससे दो ब्लाकों भीटी व कटेहरी की लाखों की आबादी को तहसील, थाना मुख्यालय पहुंचने में दिक्कत हो गई है। ग्रामीण कमर तक पानी से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। शुक्रवार को आवागमन कर रहे एक व्यक्ति की यहां डूबकर मौत भी हो गई।

ढाई दशक पूर्व बने इस पुल ने दो ब्लाकों के करीब सौ गांवों का संपर्क आसान किया है। इस पुल से भीटी तहसील, सीएचसी, थाना, जिला, मंडल मुख्यालय जाने का रास्ता है। बरसात के मौसम में हर वर्ष यहां चार महीने सफर ठप रहता है। तीन दशक से यहां पक्के पुल की मांग स्थानीय लोगों द्वारा सांसद, विधायक, एमएलसी, जिपं अध्यक्ष आदि से की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नतीजतन. प्रतिवर्ष यहां लोगों के डूबकर मरने का सिलसिला जारी है। क्षेत्रीय विधायक द्वारा पुल निर्माण की मांग सदन में उठाई गई थी, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। विधायक ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर पुल निर्माण की दिशा में उनके स्तर से प्रयास जारी है। सपा नेता व पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय ने बताया कि सपा शासनकाल में पुल की स्वीकृति हो चुकी थी, लेकिन ़फाइल शासन में जान बूझकर दबा दी गई है।


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