घाघरा की बढ़ रही बाढ़, निरीक्षण को पहुंचे एसडीएम
खतरे के लाल निशान से दो सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा जलस्तर.नावें लगाए जाने को लेकर लेखपाल ने दिया गलत आंकड़ा.
अंबेडकरनगर : घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान पार करने के बाद कच्छप चाल से बढ़ रहा है। टांडा और आलापुर तहसील क्षेत्र के तटीय गांवों में लोगों के दिलों की धड़कने बढ़ गई है। तहसील प्रशासनिक अमले के साथ ग्रामीण भी बाढ़ को देखते हुए चौकन्ना हुए हैं। टांडा : तहसील क्षेत्र टांडा के मांझा उल्टहवा समेत इसके सात पुरवे मांझा कला व गंगापुर में बाढ़ का खतरा दस्तक देने लगा है। घाघरा नदी के जलस्तर में गत शनिवार के सापेक्ष रविवार को एक सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है। दोपहर दो बजे रिकार्ड हुए जलस्तर में नदी खतरे के लाल निशान 92.730 मीटर से दो सेंटीमीटर ऊपर 92.750 मीटर पर ठहरा है। राजेसुल्तानपुर : आलापुर तहसील क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त गांवों आराजी देवारा, मांझा कम्हरिया व सिद्धनाथ गांव का एसडीएम धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने निरीक्षण किया। एसडीएम को लेखपाल राजकपूर ने नाव के आंकड़े गलत देने पर फटकार लगाई। मौके पर चार नावें पायी गई। जबकि लेखपाल ने सात नाव बताया था। वह भी इन नावों को चलाने वाला कोई नहीं था। अराजी देवारा ग्राम पंचायत के हंसू का पुरवा, प्रसाद का पुरवा में नाव पानी में खाली पड़ी थी। एसडीएम ने लेखपाल को सही रिपोर्ट देने को कहा। हरिश्चंद्र, राजबहादुर, सुरेंद्र व धर्मराज को नाव चलाने की जिम्मेदारी दी। तहसीलदार ज्ञानेंद्र कुमार यादव, नायब तहसीलदार जावेद अंसारी को बाढ़ ग्रस्त गांवों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए। एसडीएम ने बताया घाघरा नदी के जल स्तर पर प्रशासन की नजर है। अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है। पानी जो बढ़ा है वह पिकिया नाले का है।