दो दारोगा और आठ सिपाहियों पर दर्ज होगा लूट व रंगदारी मांगने का मुकदमा
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चार साल पुराने प्रार्थना पत्र पर दिया आदेश महरुआ थाने के ढाबा संचालक से अवैध वसूली व मारपीट का मामला।
संसू, अंबेडकरनगर: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चार साल पुराने मामले में थानाध्यक्ष समेत दो दारोगा व आठ सिपाहियों के खिलाफ रंगदारी मांगने, मारपीट और लूट का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। घटना महरुआ थाने के कसड़ा में संचालित ढाबा संचालक के साथ वर्ष 2017 की बताई गई है। तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत इन पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर न्यायालय ने एक सप्ताह में आख्या मांगी है।
कसड़ा के ढाबा संचालक इंद्रसेन यादव उर्फ पन्नालाल का आरोप है कि जून 2017 में यहां तैनात रहे थानाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह दो सिपाहियों के साथ उसके ढाबे पर आए। यहां उससे हर माह 10 हजार रुपये रंगदारी मांगने लगे। रकम देने से असमर्थता जताने पर थानाध्यक्ष ने कहा कि ढाबा ही नहीं चलने देंगे। पीड़ित ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह से शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एसपी ने थानाध्यक्ष को फटकार लगाई। पुलिस का उत्पीड़न कुछ वक्त के लिए थम गया। एसपी का तबादला होने के बाद 28 अक्टूबर 2017 की रात तत्कालीन थानाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक हरदेव सिंह और सिपाही अनिल सिंह, उदय प्रताप सिंह, सुधीर सिंह, विवेक तिवारी, रेखा सरोज और राधिका समेत दो अन्य सिपाही उसके ढाबे पर धमक पड़े। इंद्रसेन द्वारा एसपी से शिकायत को लेकर खिन्न इन पुलिस कर्मियों ने उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। बीच-बचाव में पहुंची पत्नी और बच्चों को भी पुलिस कर्मियों ने पीटा। पुलिस की पिटाई से ढाबा संचालक बेहोश हो गया। बच्चों की चीख-पुकार सुन आसपास के लोग दौड़े, लेकिन पुलिस को देखकर ठिठक गए। वे मामला समझ पाते, इससे पहले पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें भी भगा दिया।
आरोप है कि पुलिसकर्मी यहां से घरेलू सामान और 6500 रुपये व बाइक लूट ले गए। पीड़ित और उसके परिवार को थाने लाने के बाद किसी मामले में चालान कर दिया। इसकी शिकायत दोबारा पुलिस अधीक्षक से करने पर कोई कार्रवाई होता नहीं देख भुक्तभोगी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस पर सीजेएम ने उक्त तत्कालीन थानाध्यक्ष व एसआइ समेत आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।