जैविक घोल देने के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
अंबेडकरनगर : गन्ना विभाग के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक की मनमानी के चलते गन्ना किसानों में र
अंबेडकरनगर : गन्ना विभाग के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक की मनमानी के चलते गन्ना किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। गन्ना विकास समिति मे गन्ना बेचने के लिए नया सदस्य बनने के लिए लोग बड़ी संख्या में किसान चक्कर काट रहे हैं। किसानों को सदस्य बनाने के नाम पर जबरन जैविक घोल दिया जा रहा है। इससे नाराज किसानों ने ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक पर आरोप लगाते हुए कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा काटा। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को हर संभव सुविधा देने का राग अलाप लगा रही है वहीं पर किसानों को सुविधा के नाम पर परेशान किया जा रहा है। जिले के दूर-दराज से आए किसान कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। गौरतलब है कि गन्ना किसानों को नए सदस्य बनाने के लिए गन्ना खरीद सेंटर पर कैंप लगा कर किसानों की बैठक करा कर सदस्य बनाने का प्रावधान है। परंतु यहां तो मनमानी के आगे नियम कानून ताख पर है। केदारनगर नेउरी बाजार ब्रम्हचारी आमादरवेशपुर सेंटर से आए किसान सुखराम यादव, रामसूरत तिवारी, सुरेशचंद तिवारी, वीरेंद्र कुमार, परवेज अहमद व दिलीप कुमार आदि किसानों को नया सदस्य बनने पर जबरन जैविक घोल दिया जाने लगा। किसानों का कहना था कि गन्ने की फसल में अब जैविक घोल का क्या काम है। वैसे भी अभी ऐसी कोई फसल ही नही है जिसमें हम इस घोल का इस्तेमाल कर सकें। इसके बाद भी जब विभाग के लो नहीं माने तो वहां मौजूद किसानों ने जमकर हंगामा काटा। हंगामा काट रहे किसानों ने ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक आरसी गुप्ता की भूमिका पर भी सवाल उठाया।
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-जिले के गन्ना अधिकारी का कहना है
जिला गन्ना विकास अधिकारी एपी ¨सह ने बताया की जनपद के गन्ना विकास विभाग में कुल 1792 गांव में 12 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। इनके द्वा ही नया सदस्य बनाने का कार्य किया जा रहा है। किसानों को जबरन जैविक घोल नहीं दिया जा सकता है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो गलत है। इसकी जांच की जाएगी।