व्यायाम और कैल्शियम युक्त भोजन भगाए अर्थराइटिस
विश्व अर्थराइटिस-डे पर विशेष। गलत खानपान से कम उम्र के लोगों को भी गठिया रोग हो रहा।
अंबेडकरनगर : आमतौर पर कभी 50 साल के ऊपर के लोगों में होने वाली बीमारी अर्थराइटिस अब कम उम्र के लोगों में भी तेजी से पांव पसार रही है। इसे गठिया के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन, नियमित व्यायाम और खानपान दुरुस्त कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
आज विश्व अर्थराइटिस-डे है। अर्थराइटिस जोड़ों की एक गंभीर बीमारी है। इसमें शरीर के अलग-अलग जोड़ों में दर्द और ऐठन रहती है। इसका कोई भी स्थायी इलाज नहीं है। संयुक्त जिला चिकित्सालय के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एनके त्रिपाठी बताते हैं कि सामान्यतया पहले यह बीमारी 50 साल के ऊपर के लोगों में दिखती थी लेकिन, अब ऐसा नहीं रहा। भोजन में कैल्शियम और फाइबर युक्त पदार्थो की कमी के चलते यह रोग अब बच्चों तक में होने लगा है। विशेष तौर पर यह बीमारी घुटनों पर असर डालती है। उंगलियों और कूल्हों में भी परेशानी होती है। कई बार उंगलियों की हड्डियों के बीच दूरी बढ़ने से दर्द गंभीर हो जाता है, जिसे उंगलियों का गठिया कहा जाता है।
गठिया का कारण : गठिया का दर्द पैर की उंगलियों में सूजन के कारण होता है। यह बीमारी शुरुआत में अक्सर पैर के अंगूठे पर हमला करती है लेकिन, दूसरी उंगलियां भी इससे प्रभावित हो सकती हैं। वर्षों पूर्व की चोट या मोच भी पैर की उंगलियों में गठिया का कारण बन सकती है। इसके पीछे कई और कारक हैं। जैसे बढ़ती उम्र, ज्यादा वजन और अनुवांशिक कारण मुख्य तौर पर हैं।
ऐसे करें बचाव : आर्थो सर्जन डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि आहार के साथ जीवन शैली में बदलाव करके और सही दवा के इस्तेमाल से गठिया के दर्द, सूजन, जकड़न से निजात पाया जा सकता है। इसमें व्यायाम की महती भूमिका है। ज्यादा देर तक पैर को मोड़कर बैठने से बचना चाहिए। लंबे समय तक खड़े होने से बचें। नियमित साइकिल चलाएं और तैराकी करें। कैल्शियम और फाइबर युक्त आहार का सेवन कर अर्थराइटिस रोग से आसानी से बचा जा सकता है।