यातायात नियम जानता हर कोई, पर मानता नहीं
सड़क हादसों में अधिकांश वजह यातायात नियमों की अनदेखी करना बनता है।
अंबेडकरनगर : सड़क हादसों में अधिकांश वजह यातायात नियमों की अनदेखी करना बनता है। ऐसा भी नहीं कि किसी को यातायात नियम और हादसा होने के वजह की जानकारी नहीं है। यातायात नियमों और इसके महत्व को जानता हर कोई है, लेकिन मानता नहीं है। यह उदासीनता सिर्फ जनता के लिए नहीं वरन सरकारी मशीनरी की भी है। यातायात नियमों को टूटता देखने के बाद भी कार्रवाई करने और मनमानी रोकने की जहमत नहीं उठाते हैं। ऐसे में हादसा होने के बाद सिर्फ पछतावा हाथ लगता है। नो-पार्किंग में वाहनों को खड़ा करने से लेकर क्षमता से अधिक सवारी बैठाने, गलत लेन में चलने, तेज रफ्तार से चलने, बगैर हेलमेट और सीट वेल्ट के वाहन चलाने आदि की मनमानी जान पर जोखिम बनती है। जागरण के कैमरे में कैद हुईं यातायात नियमों को तोड़ने की कुछ तस्वीरें महज बानगी हैं।
केस एक : अकबरपुर बस अड्डे पर यातायात के साथ सिविल पुलिस की मुस्तैदी के बावजूद नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। डिवाइडर को अनदेखा करके चालक जहां चाहे वहां मुड़ते देखे गए। इससे जाम की समस्या खड़ी होती रही। ऐसे में यातायात बहाल करने में यातायात कर्मी बगैर हेलमेट, मास्क, बाइक पर दो से अधिक सवारियां बैठाने, टैक्सी वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां देखने के बाद भी नजरंदाज करते रहे।
केस दो : तहसील तिराहे पर मनमानी करते हुए एक चालक ने बोलेरो जीप को सड़क और फुटपाथ पर मध्य में खड़ी कर दिया। यातायात पुलिस कर्मी इस मनमानी पर चालान काटने पहुंचे तो युवक पहले उलझ गया फिर माफी मांगने लगा। यातायात नियम के बारे में इसे जानकारी होने के बाद भी वह गलती करने को स्वीकार करता रहा। खैर पुलिस ने चालान काटने के बाद ही उसे जाने दिया।
केस तीन : अकबरपुर ओवरब्रिज के पास से गुजर रहे ई-रिक्शा को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। इसमें क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाने के बाद चालक सीट पर बड़ों को और स्टेयरिग के बगल एक बच्चे को बैठा लिया। अब वाहन चलाने के लिए स्थान नहीं बचा है। ऐसे में हादसा होने लगभग तय है। वाहन की क्षमता से अधिक सवारी बैठाने से यह चढ़ाई पर कभी भी पलट सकता है। चालक और यात्रियों को इसकी फिक्र नहीं रही।
केस चार : टांडा मार्ग पर कलेक्ट्रेट के निकट एक बाइक पर सवार तीन युवकों को यातायात नियम और कानून का डर नहीं रहा। डीएम और एसपी कार्यालय के समाने से फर्राटा भरने में गुरेज नहीं है। वजह इनके बगल में ही महिला आरक्षी भी बाइक पर कैदी को लेकर बैठी थी और चालक वाहन को चला रहा था।
मनमानी पर कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा : यातायात नियमों का उल्लंघन सड़क पर हर कदम नजर आता है। इससे इतर पुलिस और परिवहन विभाग की कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। विगत दो माह के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो परिवहन विभाग ने गत अक्टूबर माह में 384 चालान किए हैं। इसमें 35 वाहनों को बंद करने के साथ साढ़े दस लाख रुपये जुर्माना वसूला है। नवंबर माह में अभी तक 295 वाहनों का चालान कर सात लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है। इसमें 20 वाहन बंद भी किया है। वहीं यातायात पुलिस ने इस माह 2265 वाहनों का चालान काटा है।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर लगातार चालान काटा जाता है। यातायात व्यवस्था बहाल रखने को प्राथमिकता दिए जाने में सबको सड़क पर रोकना उचित नहीं है। भीड़ कम रहने पर यहां कार्रवाई होती रहती है।
प्रदीप सिंह, यातायात प्रभारी
हेलमेट और सीट बेल्ट लगाकर यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाने से चालक और सवारी सुरक्षित रहेंगे। इसके लिए नियमित अभियान चलता रहता है। मनमानी मिलने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।
बीडी मिश्र, एआरटीओ