सहजन की बदौलत जीतेंगे कुपोषण से जंग
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पांच-पांच पौधे लगाए जा रहे हैं। सहजन में 200 से ज्यादा रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती है।
अंबेडकरनगर : सजहन के सहारे कुपोषण से जंग जीतने की तैयारी है। बड़ी संख्या में कुपोषण के मामले सामने आने के बाद सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर औषधीय गुणों से भरपूर सहजन के पौधे लगाए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका सहजन के पौधे घर-घर वितरित करेंगी।
सहजन के पौधों में विटामिन, कैल्शियम, पोटैशियम व प्रोटीन की भरपूर मात्रा होने के चलते पोषण माह में बाल विकास विभाग ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस रोपना शुरू किया है। इनकी देखभाल की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है। आंगनबाड़ी सहायिका सहजन के फायदे से आमजन को अवगत कराएंगी। विशेषज्ञों के अनुसार सहजन में 200 से ज्यादा रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। इसमें मल्टी विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, दर्द निवारक और अमीनो एसिड पाया जाता है। भोजन के रूप में यह अत्यंत पौष्टिक होता है। इसके फूल और फली दोनों को प्रयोग में लाया जा सकता है। बीज से तेल, छाल, पत्ती, गोंद और जड़ आदि से दवाएं बनाई जाती हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि सहजन का पौधा कुपोषण से लड़ने में लाभदायक होता है। इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसे लगाने का निर्देश दिया गया है।
सहजन में पौष्टिक गुण :
पोटैशियम- केले से तीन गुना ज्यादा।
कैल्शियम- दूध से चार गुना ज्यादा।
विटामिन ए- गाजर से चार गुना ज्यादा।
विटामिन सी- संतरे से सात गुना ज्यादा।
प्रोटीन- दही से तीन गुना ज्यादा।