Move to Jagran APP

बाढ़ के प्रकोप से करीब ढाई करोड़ का नुकसान

घाघरा नदी का जलस्तर कम होने के बाद पटरी पर जिंदगी लौट रही है। धान की बर्बादी समेत मवेशियों के लिए चारा संकट गहराया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 12:02 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 12:02 AM (IST)
बाढ़ के प्रकोप से करीब ढाई करोड़ का नुकसान
बाढ़ के प्रकोप से करीब ढाई करोड़ का नुकसान

सत्यप्रकाश मौर्य, टांडा (अंबेडकरनगर)

loksabha election banner

घाघरा नदी के बाढ़ की विभीषिका में ढाई करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान ग्रामीणों को टीस देने लगा है। हर वर्ष विनाशकारी बाढ़ मांझा क्षेत्र के गांवों की सैकड़ों हेक्टेयर खरीफ की फसलों को अपने आगोश में ले कर नष्ट कर जाती है। अपने पसीने से दूसरों का पेट भरने वाले अन्नदाता दाने-दाने के लिए मोहताज हो जाते हैं। बाढ़ से लगी आर्थिक गहरी चोट सालभर टीस देती रहती है। इस बार भी नदी की बाढ़ कुछ ऐसा ही दर्द देकर गई है।

नदी की बाढ़ मांझा क्षेत्र के एक चौथाई खरीफ की फसलों को तबाह कर गई। सैकड़ों किसानों की उपज और लागत पानी में बह गई। करीब 40 किलोमीटर लंबे मांझा क्षेत्र के मांझा करमपुर बरासवा, मांझा अवसानपुर, मांझा महरीपुर, मांझा आसोपुर, मांझा कला, मांझा उलटहवा, मांझा चितौरा, मांझा केवाटला आदि दर्जनों गांवों में हजारों हेक्टेयर में किसान कृषि कार्य कर रहे हैं। कृषि और पशुपालन ही इनके आय का साधन है।

उम्मीदों पर फिरा पानी : मेहनत और गाढ़ी कमाई लगाकर किसान हजारों हेक्टेयर भूमि में फैले खेतों में खरीफ की फसलों खास तौर से धान की फसल इस उम्मीद के साथ लगाई थी कि इनके बच्चों का भरण-पोषण होगा लेकिन, घाघरा नदी की बाढ़ ने इनकी आशाओं पर पानी फेर दिया है। नदी के बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित मांझा उल्टहवा की ही बात करें तो 30 से 40 फीसद धान की फसल बर्बाद हो गई है।

बाढ़ प्रभावित गांव मांझा उल्टहवा में कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल 450 हेक्टेयर है। क्षतिग्रस्त धान की फसल का अनुमानित क्षेत्रफल 150 हेक्टेयर है। जबकि अनुमानित लागत 36 लाख रुपये है। किसानों को अनुमानित क्षति 2.22 करोड़ रुपये हुई है। मांझा उल्टहवा के पूर्व प्रधान शिव प्रसाद यादव ने बताया कि करीब 40 फीसद फसल घाघरा नदी की बाढ़ में डूबकर नष्ट हो गई है। किसानों के सामने अब अगली फसल की तैयारी करने में भी भारी मुश्किलें हैं।

नायब तहसीलदार देवानंद तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक के पर्यवेक्षण एवं तहसीलदार संतोष कुमार ओझा की देखरेख में मांझा क्षेत्र में धान आदि फसल के नुकसान का सर्वे राजस्व टीम से कराया गया है। करीब 35 से 40 फीसद तक फसल नष्ट हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.