आठ साल बाद भी नहीं हुआ नियंत्रण कक्ष का संचालन
अंबेडकरनगर : लाखों रुपये खर्च करके नगर नियंत्रण कक्ष एवं प्रशासनिक भवन का निर्माण होने के
अंबेडकरनगर : लाखों रुपये खर्च करके नगर नियंत्रण कक्ष एवं प्रशासनिक भवन का निर्माण होने के सात वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी वह संचालित नहीं हो सका। शांति व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों पर नियंत्रण और संबंधित सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए अब से 10 वर्ष पहले नगर नियंत्रण कक्ष की आवश्यकता महसूस की गई थी। नगर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की पत्रावली पुलिस प्रशासन से होकर शासन में पहुंची तो स्वीकृति प्रदान करते हुए लाखों रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दिया। भवन निर्माण के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा नगर के सिकंदराबाद में भूमि उपलब्ध करा दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम निर्माण इकाई गोरखपुर को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए भवन निर्माण का दायित्व सौंपा गया।अब से आठ वर्ष पहले निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत तत्कालीन संसदीय कार्य वित्त एवं चिकित्सा मंत्री लालजी वर्मा ने 20 जून 2010 को नगर नियंत्रण कक्ष एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करते हुए कहा था कि नगर नियंत्रण कक्ष के संचालित होने के बाद शांति व्यवस्था कायम रखने, अपराधों पर नियंत्रण रखने एवं सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान करने में यह नियंत्रण कक्ष महत्वपूर्ण कार्य करेगा। सरकार के परिवर्तन के साथ ही नियंत्रण कक्ष का संचालन अधर में लटक गया। आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी नियंत्रण कक्ष संचालित नहीं हो सका है। सीओ केके मिश्र ने बताया कि नियंत्रण कक्ष जानकारी में नहीं है।