अभिभावक बने सीएमएस, बेसहारा महिला की बचाई जान
पुलिस को दी गई सूचना में भी अपना नाम दर्ज कराया। डॉ. संगीता सिंह ने आपरेशन किया।
अंबेडकरनगर : जिला चिकित्सालय के मातृ-शिशु कल्याण केंद्र (एमसीएच विग) में एक गर्भवती को भर्ती कराकर लोग चले गए। महिला के साथ उसकी चार वर्षीय बेटी भी थी। शरीर की एक नली फट जाने से महिला को रक्तस्त्राव अधिक हो रहा था और उसे तत्काल आपरेशन की जरूरत थी। साथ में किसी के नहीं होने से इलाज में मुश्किल आ रही थी। सीएमएस डॉ. ओमप्रकाश को इसकी जानकारी मिली तो उनके निर्देश पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता सिंह ने आपरेशन कर महिला की जान बचाई। इतना ही नहीं सीएमएस ने अभिभावक बनकर पूरी मदद की। यहां तक कि पुलिस को दी गई सूचना में भी अपना नाम दर्ज कराया।
रामनगर बाजार निवासी मुन्नालाल विश्वकर्मा जिला चिकित्सालय में दुर्गा नाम की एक महिला को भर्ती कराकर चला गया। महिला के शरीर में खून की काफी कमी थी और आपरेशन की सख्त जरूरत थी। इसकी सूचना मीडिया कर्मियों को लगी तो उन्होंने सीएमएस से बात कर महिला के इलाज एवं खून का प्रबंध कराया। सीएमएस ने भी बेसहारा महिला की सूचना पहले पुलिस अधीक्षक को दी। पुलिस को दिए लिखित पत्र में सीएमएस उसके अभिभावक बने।
बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे डॉ. संगीता सिंह, डॉ. विजय बहादुर गौतम व डॉ. एसडीएम मिश्र की टीम ने आपरेशन कर महिला की जान बचाई। महिला चिकित्सक ने बताया कि मरीज को खून की कमी के साथ पेट के अंदर की नली फट गई थी। इससे रक्तस्त्राव अधिक हो रहा था।
महिला दुर्गा ने बताया कि पति सुरेश उसे छोड़कर कहीं चला गया है। इन दिनों वह अपनी सास व चार वर्षीय बेटी राधिका के साथ रह रही है। महिला ने बताया कि उसका मायका मध्य प्रदेश में है। लेकिन, पांच वर्ष से वह यहीं रह रही है। पंख संस्था के अध्यक्ष अंशु बग्गा, प्रदीप अग्रवाल व अजय यादव आदि ने भी मदद की। सीएमएस ने बताया कि आपरेशन के बाद महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है।