वीडियो कांफ्रेंसिग पर कैदियों से मुलाकात में संसाधनों का रोड़ा
980 करोड़ों की लागत से बने जेल को लैंडलाइन कनेक्शन की दरकारबंदियो के परिजनों से बात कराने की नहीं कोई व्यवस्था.
अंबेडकरनगर : पूरे देश में स्वास्थ्य आपदा कोरोना के चलते बंदियों से मिलने के लिए 30 मई तक रोक लगा दी गई थी। बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देश पर इसकी अवधी एक माह और बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। इस बीच जेल में निरूद्ध कैदी अपने स्वजन से मुलाकत नहीं कर सकेंगे। शासन ने सभी जेलों में निरूद्ध कैदियों को उनके परिजनों से फोन व वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए बात कराने के निर्देश सभी जेल प्रशासन को दिए हैं। 970 बंदियों की क्षमता वाले अंबेडकरनगर जेल में वर्तमान में 543 कैदी हैं। इसमें 34 कश्मीरी कैदियों को भी रखा गया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते जेल में निरूद्ध कैदियों के परिजन उनका हाल जानने को बेचैन हैं, लेकिन जेल प्रशासन के पास इन कैदियों की उनके परिजनों से बात कराने का कोई प्रबंध नहीं है। जेल प्रशासन इसका ठीकरा बीएसएनएल पर फोड़ रहा है। करीब 980 करोड़ की लागत से बने इस जेल का संचालन छह अगस्त 2019 को शुरू हुआ है। ऐसे में करीब नौ माह बीत जाने के बाद भी यहां टेलीफोन का कनेक्शन नहीं हो सका है। जिसके चलते जेल प्रशासन कैदियों को उनके परिजनों से बात कराने में अक्षम है।
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बीएसएनएल को कई बार पत्र लिखकर लैंडलाइन व ब्राडबैंड कनेक्शन कराने के लिए आवेदन किया जा चुका है। जेल संचालन के नौ माह बीत जाने के बाद भी कनेक्शन नहीं कराया जा सका है।
रमाकांत दोहरे, जेलर
जिला जेल अंबेडकरनगर
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जिला जेल मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर है। वहां विभाग द्वारा बिछाए गए तार सड़क निर्माण में नष्ट हो चुके हैं। जिसके चलते वहां वर्तमान में कनेक्शन देना संभव नहीं है।
वीरेंद्र कुमार मौर्य, एसडीओ
भारतीय संचार निगम लिमिटेड
अंबेडकरनगर