माफिया अजय सिपाही के पिता और पत्नी का बैंक खाता सीज
साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से एनटीपीसी में ठेकेदारी कर रहा था। अयोध्या निवासी पवन सिंह कारोबार संभाल रहा था।
संसू, अंबेडकरनगर : टॉप टेन सूची में शुमार माफिया अजय सिंह सिपाही पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। टांडा एनटीपीसी में कंस्ट्रक्शन का कार्य कर रही माफिया अजय की कंपनी में अपराध का पैसा लगा होने की पुष्टि पर पुलिस ने उसके खाते सीज कर दिए हैं। माफिया के पिता और पत्नी के बैंक खातों को भी सीज कर दिया गया है।
डी-गैंग से जुड़े खान मुबारक और उसके करीबियों के मकानों पर बुलडोजर चलवाने के बाद अब पुलिस ने कटेहरी ब्लॉक के लोकनाथपुर निवासी कुख्यात अपराधी अजय सिंह सिपाही पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं। पुलिस को भनक लगी थी कि सिपाही का एक गुर्गा टांडा एनटीपीसी में साईं कंस्ट्रक्शन नाम की एक कंपनी के जरिए भवन निर्माण का मैटीरियल आदि की सप्लाई कर रहा है।
जांच में पता चला कि यह गुर्गा अयोध्या के तारुन थाना क्षेत्र का रहने वाला पवन सिंह है। पुलिस ने पवन और अजय सिंह के बीच के संबंधों को जांचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। फेसबुक व अन्य सोशल साइटों को खंगाला तो कई ऐसे फोटोग्राफ मिले, जिनसे दोनों के बीच घनिष्ठता की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने कंस्ट्रक्शन कंपनी की कुंडली खंगाली तो उसके खाते से माफिया सिपाही के पिता और पत्नी के खाते में धन भेजने की पुष्टि हुई। उसकी अन्य बेनामी संपत्तियों की तलाश के लिए भी टीमें लगाई गई हैं।
दरअसल, गैंगस्टर एक्ट के तहत काली कमाई से बने उसके मकान को भी ध्वस्त करने की तैयारी है लेकिन, अभी कोर्ट से इसका आदेश नहीं मिल सका है। माफिया अजय सिंह सिपाही पर कई जिलों में गैंगस्टर एक्ट समेत विभिन्न गंभीर धाराओं में 30 मुकदमे दर्ज हैं।
अपराध से सिपाही का दो दशक पुराना नाता : अपराध जगत में पहली बार अजय सिंह सिपाही का नाम सुलतानपुर दीवानी कांड में वर्ष 2001 प्रकाश में आया था। उस समय सपा के तत्कालीन एमएलसी शैलेन्द्र सिंह की सुरक्षा में तैनात बतौर गनर सरकारी असलहे से गोली चलाई थी। इसके बाद सिपाही वारदातों को ताबड़तोड़ अंजाम देता रहा। वर्ष 2009-10 में ब्लॉक प्रमुख चुनाव में उसने पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुभाष सिंह की हत्या में नाम आया। चुनाव में दहशत फैलाने के लिए उसने अहिरौली थाना क्षेत्र में शेषमणि वर्मा पर गोली चलवाई थी। इसके बाद इसका आपराधिक रसूख बढ़ता गया। सिपाही प्रदेश के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल है।
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि सभी माफिया पर लगातार पुलिस की कार्रवाई जारी है। कुख्यात अजय सिंह सिपाही की काली कमाई से चल रही कंस्ट्रक्शन कंपनी के खातों को सीज किया जाना इसी कड़ी का हिस्सा है। कुख्यात के पिता और पत्नी के खाते भी सीज किए गए हैं।